
नई दिल्ली।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) के भारत के चालू खाते के घाटे को विकास की आवश्यकताओं के मद्देनजर तर्कसंगत बताया है। आईएमएफ के अनुसार, भारत का चालू खाते का घाटा ( current account deficit ) वित्त वर्ष 2018-19 ( fiscal year 2018-19 ) के दौरान पिछले साल के 49 अरब डॉलर से बढ़कर 68 अरब डॉलर हो गया।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ( geeta gopinath ) ने द्वारा जारी बाहरी क्षेत्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के निवल विदेशी निवेश में थोड़ा सुधार हुआ है, जिससे घाटा 2017-18 के 438 अरब डॉलर से कम होकर 2018-19 में 431 अरब डॉलर रह गया।
आईएमएफ के अनुसार, भारत की कुल विदेशी आरक्षित निधि हालांकि इस साल मार्च के आखिर में 411.9 अरब डॉलर रही, जोकि पिछले साल मार्च के आखिर की निधि से 12.5 अरब डॉलर कम है। रिपोर्ट में कहा गया कि आरक्षित निधि का स्तर विभिन्न मानदंडों की तुलना में एहतियाती उपायों के लिए पर्याप्त है।
आईएमएफ ने कहा, "भारत की निम्न प्रति व्यक्ति आय, अनुकूल विकास की संभावना, जनसांख्यिकी प्रवृत्तियां और विकास की आवश्यकताओं से चालू खाता घाटा का मौजूदा स्तर तर्कसंगत है।"
आपको बता दें कि एशियन डेवलपमेंट बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में यह 7 फीसदी रह सकता है। फिस्कल शॉर्टफॉल की चिंताओं को देखते हुए एडीबी ने अपने पहले के अनुमान में कमी की है।
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Updated on:
19 Jul 2019 07:21 am
Published on:
19 Jul 2019 05:57 am
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