
Imported onions can be 70 rupees a kg
नई दिल्ली। अफगानिस्तान, तुर्की और मिस्र से प्याज का आयात ( onion import ) बढ़ चुका है। देश के कई राज्यों के बाजारों में प्याज की खेप पहुंच रही है। दिल्ली, आंध्रप्रदेश के अलावा कई राज्यों में आयातित प्याज ( Imported Onion ) पहुंच चुकी है। जानकारों की मानें मानें तो पोर्ट से इन राज्यों में प्याज पहुंचाने का ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट ( transportation cost ) 55 रुपए से 60 रुपए के आसपास हो रहा है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है आने वाले दिनों में प्याज का खुदरा भाव ( onion retail price ) आधी हो सकती है। यानी खुदरा बाजार ( retail market ) में जो प्याज 150 रुपए किलो मिल रहा है वो ही 70 रुपए से 75 रुपए प्रति किलो के आसपास आने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
इन तीन देशों से आयात किया गया है प्याज
देश में प्याज की कमी को पूरा करने के लिए तीन देशों से प्रमुख रूप से आसात किया गया है। जिसमें अफगानिस्तान, तुर्की और मिस्र देश शामिल हैं। बंदरगाहों में आयातित प्याज लगातार पहुंच रहा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार 290 टन और 500 टन की दो खेप पहले ही मुंबई पहुंच गई हैं। राज्य को यह प्याज बंदरगाह पर 57 से 60 रुपए किलो की लागत के आधार दिया जा रहा है।
आधे हो सकते हैं प्याज के दाम
जानकारों की मानें तो सरकार पोर्ट पर आयातित प्याज 60 रुपए के प्रति किलो में दे रही है तो खुदरा में इस प्याज की कीमत में 70 रुपए 75 रुपए प्रति किलो तक हो सकती है। मतलब साफ है कि प्याज की कीमतों में सीधा सीधा 50 फीसदी का असर देखने को मिल सकता है। मौजूदा समय में देश की राजधानी समेत कई राज्यों में प्याज के खुदरा भाव 130 से 150 रुपये किलो के आसपास चल रहे हैं।
इन राज्यों की थी प्याज की डिमांड
जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश और देश की राजधानी दिल्ली ने प्याज की डिमांड की थी। जिसके बाद से दोनों ही राज्यों से प्याज की खेप उठानी शुरू एकर दी है। अधिकारियों के अनुसार प्याज की खेप रास्ते में भी है। जिसके आते ही आपूर्ति में और भी इजाफा होगा। आपको बता दें कि 2019-20 के फसल वर्ष (जुलाई से जून) में खरीफ के उत्पादन में 25 फीसदी की कमी आ सकती है। वहीं प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में मानसून में देरी और भारी बारिश जैसी वजहों से प्याज का उत्पादन कम हुआ है।
जनवरी तक प्याज के दाम में बनी रहेगी तेजी
जानकारों के अनुसार जनवरी 2020 के अंत तक प्याज के दामों में तेजी बनी रह सकती है। जिसके बाद खरीफ की फसल आनी शुरू होगी। जिसके बाद दामों में थोड़ी राहत देखने को मिल सकती है। इससे पहले देश ने 2015-16 में 1,987 टन प्याज का आयात किया था। उस समय भी प्याज की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला था।
Updated on:
24 Dec 2019 12:17 pm
Published on:
24 Dec 2019 12:16 pm
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