script

PMGKY : PM Modi के आंकड़ों में मुफ्त राशन बांटने का खर्च 50 हजार करोड़ रुपए ज्यादा

Published: Jul 01, 2020 11:04:29 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

PM Narendra Modi के मुताबिक, योजना को नवंबर तक चलाने में केंद्र को 1.5 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा
Food and Public Distribution Department के मई के डाटा के हिसाब से कुल खर्च एक लाख करोड़ से ज्यादा का नहीं

ann.jpg

नई दिल्ली। कोरोनावायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) के दौर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ( Pradhanmantri Garib Kalyan Yojna ) का ऐलान हुआ था। जिसके तहत गरीबों और मजदूर वर्ग के लोगों को मुफ्त अनाज बांटने की बात कही गई थी। अब इस योजना को नवबर तक बढ़ाने की घोषणा हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने इसके विस्तार का ऐलान किया है। इस योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को 5 किलो चावल और उनके परिवार को 1 किलो दाल मुफ्त में बांटी जाएगी। इस योजना को नवंबर तक चलाने में 90 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। अगर इसमें अप्रैल से जून तक के ख्र्च को भ्ी जोड़ दिया जाए तो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना मुफ्त राशन बांटने की कुल लागत 1.5 लाख करोड़ पहुंच जाएगी। ताज्जुब की बात तो है कि फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन विभाग ( Food and Public Distribution Department ) केे आंकड़ों के अनुसार यह ख्र्च करीब एक लाख करोड़ रुपए तक ही पहुंचेगा। आइए आपको भी बतातेे हैं कैसे?

Core Sector में राहत के संकेत, लगातार तीसरे महीने देखने को मिली गिरावट

कुछ ऐसा है गणित
– फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन विभाग के मई बुलटिन के डाटा के अनुसार इस योजना का कुल खर्च में करीब 50 हजार करोड़ रुपए की कटौती हो सकती है।
– इसका गणित समझने लिए फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन विभाग मई बुलटिन के आंकड़ों को आधार बनाना होगा।
– मान लें 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज बांटा जाता है तो अप्रैल से जून तक कुल 1.2 करोड़ टन का आंकड़ा निकलकर सामने आएगा।
– नवंबर तक बढ़ाने पर करीब 2 करोड़ टन अनाज की एक्सट्रा जरुरत होगी।
– फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 2020-21 में एक किलो चावल खरीदने और बांटने के लिए 37.27 रुपए के हिसाब से चार्ज करेगा।
– गेहूं के लिए यह राशि 26.84 रुपए प्रति किलो रहेगी।
– अप्रैल-जून के दौरान जो 1.2 करोड़ टन अनाज आवंटित किया गया, उसमें 1.04 करोड़ टन चावल और 10 लाख 56 हजार टन गेहूं शामिल था।
– मुफ्त दिए गए अनाज की कुल लागत 43 हजार 100 करोड़ के आसपास पहुंचती है।

New York में 2011 के बाद पहली बार 1800 डॉलर से ऊपर गया Gold, New Delhi में भी Record Level पर सोना

मेंटेनेंस चार्ज भी जोड़ लें तो
– इन आंकड़ों में अतिरिक्त अनाज को गोदामों में रखने के खर्च को शामिल नहीं है।
– मौजूदा वित्त वर्ष में इसकी कीमत करीब 5.40 रुपए प्रति किलो है।
– 1 अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय पूल में चावल और गेहूं का स्टॉक करीब 7.4 करोड़ टन था और रिजर्व स्तर का करीब 3.5 गुना है।
– अब नई गेहूं की फसल आने के बाद सरकार के स्टॉक में करीब 9.7 करोड़ टन से ज्यादा अनाज है।
– 1.2 करोड़ टन अनाज के स्टॉक पर रखरखाव का चार्ज भ्ी जोड़ लें तो अतिरिक्त खर्च 6480 करोड़ रुपए होगा।
– इसमें 20 करोड़ परिवारों को मिलने वाली दाल के 3900 करोड़ रुपए के खर्च को जोड़े तो सरकार को अप्रैल-जून में ज्यादा से ज्यादा 40 हजार 500 करोड़ रुपए का खर्च आया।
– बताए गए 60 हजार करोड़ के खर्च के आंकड़े से बहुत कम है।

July के पहले दिन Petrol और Diesel की कीमत में राहत, जानिए आज के दाम

जुलाई से नवंंबर तक का या होगा ख्र्च सकता
– अगर जुलाई से नवंबर के बीच सरकार के खर्च को भी जोड़ें तो सरकार 2 करोड़ टन अनाज गरीबों को देती है तो उस पर कुल खर्च 64 हजार 100 करोड़ देखने को मिलेगा।
– मेंटेनेंस चार्ज 10,800 करोड़ रुपए को ना भी लें आर दाल का करीब 6500 करोड़ रुपए खर्च जोडें़ तो जुलाई से नवंबर में कुल खर्च 60 हजार करोड़ से ज्यादा नहीं होगा।
– मतलब साफ है कि पीएमजीकेवई के तहत मुफ्त अनाज बांटने का कुल खर्च 1 लाख 5 हजार करोड़ रुपए होगा।

ट्रेंडिंग वीडियो