25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इंडिया रेटिंग्स का अनुमान, भारत में कुल कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर खर्च हो सकते हैं 67,193 करोड़ रुपए

इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर 67,193 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं, जिसमें से केंद्र सरकार 20,870 करोड़ रुपए और राज्य सरकारें मिलकर 46,323 करोड़ रुपए खर्च करेंगी।

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Apr 23, 2021

India ratings report, Rs 67193 cr spent on covid vaccination program

India ratings report, Rs 67193 cr spent on covid vaccination program

नई दिल्ली। इंडिया रेटिंग्स के अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु के संपूर्ण लोगों को टीका लगाने की लागत भारत के जीडीपी का केवल 0.36 फीसदी होगी। कोविड-19 की दूसरी लहर के रूप में देश खतरनाक स्थिति में पहुंच रहा है। जिसकी वजह से केंद्र सरकार ने टीकाकरण थ्री फेज स्ट्रैटिजी तैयार की है। इस योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्ति 1 मई से कोविड 19वैक्सीन की डोज लेने के पात्र होंगे। इसका मतलब यह है कि अब कुल जनसंख्या में से 84.2 करोड़ लोग वैक्सीनेशन के पात्र होंगे। जबकि देश की कुल जनसंख्या 133.3 करोड़ है।

यह भी पढ़ेंः-कोविड काल में अटल पेंशन योजना में दिखा निवेशकों का ज्यादा भरोसा, 3 करोड़ से ज्यादा हुए सब्सक्राइबर्स

इतने लग जाएगा रुपया
इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर 67,193 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं, जिसमें से केंद्र सरकार 20,870 करोड़ रुपए और राज्य सरकारें मिलकर 46,323 करोड़ रुपए खर्च करेंगी। केंद्र सरकार ने कहा है कि योजना के तहत कोरोनोवायरस वैक्सीन के मूल्य निर्धारण, खरीद, पात्रता और प्रशासन को लचीला बनाया जाएगा। जबकि पहले चला आ रहा टीकाकरण अभियान जारी रहेगा, स्वास्थ्य वर्करों, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और 45 वर्ष से अधिक की आबादी वाले लोगों को मुफ्त टीकाकरण प्रदान किया जाएगा।

यह भी पढ़ेंः-हैमलीज के बाद मुकेश अंबानी ने यूके की एक और कंपनी को 593 करोड़ में खरीदा

खुले बाजार से खरीदनी होंगी एक्सट्रा डोज
वहीं 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्माताओं से सीधे अतिरिक्त कोविड-19 वैक्सीन खरीदने की अनुमति होगी। परिणामस्वरूप, टीका निर्माता अब अपने उत्पादन का 50 फीसदी सरकार को आपूर्ति करेंगे और शेष 50 फीसदी राज्य सरकारों और खुले बाजार द्वारा खरीद के लिए उपलब्ध होगा।

यह भी पढ़ेंः-Sail ने Oxygen Production की उठाई जिम्मेदारी, अब तक 36,747 मीट्रिक टन की कर चुकी सप्लाई

कुल जीडीपी का 0.36 फीसदी खर्च
टीकों की कुल आवश्यकता में से 21.4 करोड़ खुराक की खरीद के लिए पहले ही 5,090 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इस प्रकार 155.4 करोड़ खुराक खरीदने के लिए खर्च की जाने वाली शेष राशि 62,103 करोड़ रुपए होगी। रिपोर्ट की मानें तो यह कोई बड़ी राशि नहीं है क्योंकि 67,193 करोड़ रुपए जीडीपी का सिर्फ 0.36 फीसदी है।

यह भी पढ़ेंः-Cryptocurrency के प्रतिबंध पर बनेगा कानून, निवेशकों को मिल सकता है 6 महीने का एग्जिट विंडो

किस पर कितना असर
अगर हम इसे केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच विभाजित करते हैं, तो केंद्रीय बजट पर राजकोषीय प्रभाव जीडीपी का 0.12 फीसदी होगा और राज्य के बजट पर जीडीपी का 0.24 फीसदी होगा। राज्यों की बात करें तो सबसे अधिक प्रभाव बिहार (जीएसडीपी का 0.60 फीसदी), उत्तर प्रदेश (0.47 फीसदी), झारखंड (0.37 फीसदी), मणिपुर (0.36 फीसदी), असम (0.35 फीसदी), मध्य प्रदेश पर (0.3 फीसदी) और ओडिशा (0.3 फीसदी) होने की संभावना है।