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7.8 फीसदी रहेगी भारत की जीडीपी ग्रोथ: नोमुरा

जापानी वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने भारतीय अर्थव्यवस्था की सुनहरी तस्वीर पेश की है।

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Indian Economy

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के गवर्नर उर्जित पटेल के बाद अब जापानी वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की सुनहरी तस्वीर पेश की है। जापानी कंपनी नोमुरा ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश और उपभोग बढ़ रहा है। इससे अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। नोमुरा ने कहा है कि निवेश और उपभोग के मौजूदा आंकड़ों से साल की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहेगी। नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के निर्यात में स्थिति खराब है। लेकिन निवेश और उपभोग के दम पर देश की ग्रोथ बरकरार रह सकती है।

2017 के मुकाबले बेहतर रहेगी विकास दर

जापानी कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 2017 की दूसरी छमाही से शुरू हुआ चक्रीय सुधार अभी भी जारी है और इसके 2018 की पहली छमाही तक जारी रहने की संभावना है। एेसे में चक्रीय सुधार के दम पर मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में विकास दर में तेजी रहेगी। नोमुरा ने कहा है कि पिछले आंकड़ों के आधार पर भारत की जीडीपी ग्रोथ 2018 की पहली छमाही में बढ़कर 7.8 फीसदी हो सकती है। आपको बता दें कि दिसंबर 2017 की तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.2 थी। हालांकि, नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में तेल की बढ़ती कीमतों, चुनाव से पहले निवेश गतिविधियों में मंदी और सख्त वित्तीय हालातों के चलते ग्रोथ रेट पर असर पड़ने की संभावना भी जताई है।

देश की विकास दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान: उर्जित पटेल

उधर रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हाल में अमरीका के दौरे पर गए उर्जित पटेल ने वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहा। हालांकि, सकल घरेलू विकास दर इससे पहले वित्त वर्ष की तुलना में 7.1 फीसदी से घटकर 6.6 फीसदी रही लेकिन वर्ष की अंतिम छमाही में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था में नई मजबूती आई है।आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कई कारकों से विकास दर में तेजी रहेगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक मांग में अब सुधार आया है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और नई मांग बढ़ेगी। इससे विकास दर में तेजी आएगी। इसके अलावा विनिर्माण गतिविधियों में तेजी रहने, बिक्री बढ़ने, क्षमता दोहन बढ़ने, सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी रहने और रिकॉर्ड फसल उत्पादन से निवेश का माहौल सुधरा है।