18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जम्मू-कश्मीर में खत्म हुआ आर्टिकल 370, पांच प्वाइंट में जानिए क्या-क्या बदलेगा

अनुच्छेद 370 के केवल एक ही खंड बाकी रह गया है जिसके तहत राष्ट्रपति किसी बदलाव का आदेश जारी कर सकते हैं। केंद्र शासित राज्य बन जायेगा जम्मू एवं कश्मीर व लद्दाख। जम्मू कश्मीर में विधायिका होगी लेकिन लद्दाख में नहीं।

3 min read
Google source verification
Jammu and Kashmir

नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने आज देश के सबसे विवादित हिस्से यानी जम्मू एवं कश्मीर को लेकर संसद में अब तक का सबसे बड़ा प्रस्ताव पेश किया है। सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च सदन में संकल्प पत्र पेश करते हुए कहा कि जम्मू एवं कश्मीर से आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35(A) को हटाया जाता है। इन दोनों आर्टिकल्स के तहत जम्मू कश्मीर को अति विशेष राज्य का दर्जा मिला था।

आर्टिकल 370 के तहत कुछ प्रावधानों को समय के साथ संशोधित भी किया गया है। हालांकि, आर्टिकल 35(A) के लागू होने के बाद से अब तक इसमें कोई संशोधन नहीं किया गया है। अब जब केंद्र सरकार ने जम्मू व कश्मीर को केंद्र शासित राज्य का दर्जा दिया है तो ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक आम नागरिक के तौर पर वहां हालात कैसे बदलेंगे। कैसे इस राज्य में रहने वाले लोगों और पूरे देश के लिए तस्वीर बदलेगी? आइए जानते हैं इनके बारे में।

यह भी पढ़ें -जम्मू-कश्मीर और लद्दाख समेत अब देश में 9 केंद्र शासित प्रदेश, जानें कैसे होगा काम

1. अनुच्छेद 370 के केवल एक ही खंड बाकी रह गया है जिसके तहत राष्ट्रपति किसी बदलाव का आदेश जारी कर सकते हैं। अब जब कश्मीर से अति विशेष राज्य का दर्जा हट गया है तो भारत के किसी भी राज्य के लोग जम्मू एवं कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। कश्मीर में सेटल रह सकते हैं। हालांकि, कश्मीरी लोगों में इस बात का डर है कि वहां के डेमोग्राफिक में भारी बदलाव हो सकता है। उन्हें इस बात का भी डर है कि मुसलिम बहुल क्षेत्र भी हिंदु बहुल इलाकों में तब्दील हो सकते हैं।

2. केंद्र शासित राज्य बन जायेगा जम्मू एवं कश्मीर: गृह मंत्री अमित शाह ने एक नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी दी कि सरकार राज्य में आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने , क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को खत्म करने करने के उद्देश्य से जम्मू एवं कश्मीर को यूनियन टेरिटरी यानी केंद्र शासित प्रदेश बन जायेगा। जम्मू कश्मीर में विधायिका होगी।

यह भी पढ़ें -जम्‍मू-कश्‍मीर: धारा 370 खत्‍म, राष्‍ट्रपति का आदेश तत्‍काल प्रभाव से लागू

3. इस नोटिफिकेशन के तहत लद्दाख क्षेत्र को भी यूनियन टेरिटरी बनाया गया है, लेकिन यहां कोई विधायिका नहीं होगी। लद्दाख क्षेत्र भूमि के मामले में बहुत बड़ा क्षेत्र है, लेकिन यहां आबादी बेहद ही कम और आम जनजीवन के लिए यह काफी मुश्किल क्षेत्र माना जाता है। यहां के लोगों ने लंबे समय से यूनियन टेरिटरी का दर्जा मांगा था।

4. आर्टिकल 370: इस अनुच्छेद के अनुसार देश की संसद को जम्मू एवं कश्मीर को लेकर केवल रक्षा, विदेश मामले और संचार संबंधी कानून बनाने का अधिकार है। किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को केंद्र सरकार जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार से अनुमोदन मिले बगैर लागू नहीं करा सकती है। विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती। यानी जम्‍मू-कश्‍मीर में अन्‍य राज्‍यों की तरह राष्‍ट्रपति शासन नहीं लगाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें -जम्मू-कश्मीर: धारा-370 पर राज्यसभा में PDP सांसदों का हंगामा, संविधान और कपड़े फाड़े

5. आर्टिकल 35(A) से जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते हैं। 14 मई 1954 के पहले जो कश्मीर में बस गए थे, उन्‍हीं को वहां का स्थायी निवासी माना जाएगा। 35(A) के तहत जो व्‍यक्ति जम्मू और कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं है, वो राज्य में प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकता। सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर सकता। सरकारी विश्विद्यालयों में दाखिला नहीं ले सकता और न ही राज्य सरकार द्वारा कोई वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकता है। किसी तरह की सरकारी सहायता और वजीफा भी हासिल नहीं कर सकता है।