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बजट 2019: अरुण जेटली के कार्यकाल में इस तरह बदलता गया आप पर इनकम टैक्स का बोझ

सबसे बड़े कदम में सरकार ने बजट 2014 में Income Tax Exemption की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था। इसी साल सरकार ने PPF के तहत सालान निवेश की अधिकतम सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख किया था।

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Arun Jaitley Budget

जानिए बीते पांच साल में कैसा रहा आप पर इनकम टैक्स का बोझ

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) की अगुवाई वाली NDA -1 सरकार के दौरान वित्त मंत्रीअरुण जेटली ( Arun Jaitley ) ने इनकम टैक्स ( income tax ) में कई बड़े बदलाव किए थे। आइए जानते हैं कि बीते पांच साल में एनडीए सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में सैलरीड क्लास के लिए क्या बड़े कदम उठाए।

2014: लोकसभा चुनाव 2014 ( Loksabha Election 2014 ) में जबरदस्त जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्रालय ( ministry of finance ) की जिम्मेदारी अरुण जेटली को दी थी। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पहले बजट में इनकम टैक्स छूट ( income tax exemption ) की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख कर दिया था। इस दौरान वरिष्ठ नागरिकोें ( Senior Citizens ) के लिए भी इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया था। हालांकि, सरकार ने अपले कर्यकाल के पहले साल अति-वरिष्ठ नागरिकों (80 साल से अधिक की उम्र ) के लिए यह छूट 5 लाख रुपये पर ही बरकरार रखा था।

इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत मिलने वाले टैक्स छूट को भी बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया था। होम लोन के ब्याज पर भी डिडक्शन लिमिट को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया था।

जबकि, पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF ) के तहत सालाना निवेश की अधिकतम सीम को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया था।


2015: साल 2015 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हेल्थ इंश्योरेंस पर प्रीमियम की सीमा 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया था। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 20 हजार रुपये प्रति व्यक्ति से बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रति व्यक्ति कर दिया गया था। वित्त मंत्री ने ट्रांसपोर्ट अलाउंस को भी 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 16 हजार रुपये कर दिया था।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल आयकर अधिनियम के तहत न्यू पेंशन स्कीम ( NPS ) के तहत अतिरिक्त छूट की सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया था।

साथ ही 1 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई पर कुल सरचार्ज को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया था। अरुण जेटली ने इस दौरान वेल्थ टैक्स को पूरी तरह से हटा दिया था। इसकी जगह उन्होंने 1 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले लोगों पर 2 फीसदी बढ़ा दिया था।

यह भी पढ़ें -Budget 2019 में बढ़ सकती है टैक्स छूट की सीमा, 10 करोड़ से अधिक कमाई करने वाले लोगों पर 40 फीसदी टैक्स

2016: यूनियन बजट 2016 में सरकार ने सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट को 2 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये कर दिया था। यह रिबेट उन लोगों के लिए था, जो सालाना 5 लाख रुपये से अधिक कमाते थे। इस साल वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम 80GGd के तहत टैक्स डिडक्शन की सीमा 24,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया था।

1 करोड़ रुपये से प्रति वर्ष की कमाई पर सरचार्ज को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया था। वहीं, 10 लाख रुपये के सालाना डिविडेंट पर 10 फीसदी का टैक्स लगाया गया था।


2017: इस साल आम बजट में अरुण जेटली ने सेक्शन 87A के तहत मिलने वाले टैक्स रिबेट को 5,000 रुपये से घटाकर 2,500 रुपये कर दिया था। यह प्रति वर्ष 3.5 लाख रुपये से अधिक की कमाई करने वाले लोगों के लिए था। इसी साल सरकार ने सालाना 50 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की कमाई करने वाले लोगों पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगाया था।


2018: एनडीए -1 के अपने अंतिम बजट में अरुण जेटली ने ट्रांसपोर्ट और स्वास्थ्य सुविधाओं पर माैजूदा छूट के साथ 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया था। मेडिकल खर्च पर डिडक्शन को 50 हजार रुपये से घटाकर 30,000 रुपये कर दिया गया था। इस साल सरकार ने 3 फीसदी एजुकेशन सेस और काॅरपोरेशन टैक्स हटाकर 4 फीसदी का हेल्थ एंड एजुकेशन सेस लगाया था।

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