इस सर्वे में करीब 74 फीसदी लोगों ने माना कि टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ा देना चाहिए। वहीं, 58 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार 10 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना कमाई करने वाले लोगों पर 40 फीसदी टैक्स का बोझ डाल सकती है। केवल 13 फीसदी लोगों का मानना था कि इनहेरिटेंस टैक्स ( Inheritence Tax ) को एक बार फिर वापस लाया जा सकता है। इस सर्वे में 10 फीसदी लोगों ने यह भी संभावना जताया कि सरकार वेल्थ टैक्स/एस्टेट ड्यूटी ( Wealth Tax/Estate Duty) ला सकती है।
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नहीं घटाया जा सकता है कॉरपोरेट टैक्स
हाउसिंग डिमांड को बूस्ट करने के लिए 65 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार इस बजट में खुद की प्रॉपर्टी पर टैक्स डिडक्शन लिमिट को बढ़ा सकती है, जो कि वर्तमान में 2 लाख रुपये है। हालांकि, इस सर्वे में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह रही है कि 51 फीसदी लोगों ने माना कि नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रत्यक्ष कर में कुछ बड़े बदलाव नहीं करेंगी। 25 फीसदी लोगों ने यह भी माना कि सभी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 25 फीसदी नहीं किया जायेगा।
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पिछले कार्यकाल में सरकार ने टैक्स छूट में क्या किया था बदलाव
एनडीए सरकार के पहले पूर्ण बजट 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट की सीमा को भी 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया था। हालांकि, 80 साल से अधिक उम्र के लोगों पर 5 लाख रुपये के टैक्स छूट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। बजट 2017 में केंद्र सरकार ने 2.5 से 5 लाख रुपये की सालाना कमाई करने वाले लोगों पर टैक्स दर 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया था।
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