scriptMoodys ने भारत को दिया बड़ा झटका, 22 साल के बाद कम की Sovereign Rating | Moody's gives big blow to India, low Sovereign Rating after 22 years | Patrika News

Moodys ने भारत को दिया बड़ा झटका, 22 साल के बाद कम की Sovereign Rating

locationनई दिल्लीPublished: Jun 02, 2020 09:10:25 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

Moodys ने भारत की Sovereign Rating को घटाकर BAA2 से BAA3 कर दिया
मूडीज ने कहा कि भारत के सामने गंभीर Economic Slowdown का भारी खतरा
Negetive Outlook जारी, भारत पर बढ़ रहा है Fiscal Deficit Target पर दबाव

Moodys Rating agency

Moody’s gives big blow to India, low rating after 22 years

नई दिल्ली। देश की जीडीपी ( GDP ) के 11 सालों के निचले स्तर पर चले जाने और राजकोषीय घाटे ( Fiscal Deficit ) में लगातार इजाफा होने के साथ प्रत्येक इकोनॉमीक मोर्चे पर फिसलने के बाद जिस तरह के आशंका के कयास लगाए जा रहे थे, वो सामने आ ही गया। मूडीज ( Moodys ) ने 22 साल के बाद भारत की रेटिंग को कम कर दिया गया है। वहीं नेगेटिव आउटलुक ही रखा है। मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक सुस्ती ( Economic Slowdown ) के बढ़ते खतरे और राजकोषीय घाटे के टारगेट ( Fiscal Deficit Target ) पर लगातार बढ़ते दबाव की वजह से रेटिंग को कम कर दिया है। आइए आपको भी बताते हैं कि मूडीज की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

जानिए सरकार के फैसले के बाद किस फसल पर किसान को होगी ज्यादा कमाई

Sovereign Rating को किया कम
मूडीज ने भारत की सॉवरिन रेटिंग को कम करते हुए आउटलुक को नेगेटिव रखा है। रिपोर्ट के अनुसार पहले भारत की विदेशी करंसी और लोकल करंसी लॉन्ग टर्म इश्यूअर को BAA2 से कम करके BAA3 कर दिया गया है। वहीं शॉर्ट टर्म लोकल करंसी रेटिंग को P-2 से घटाकर P-3 कर दिया है। आपको बता दें कि मूडीज ने करीब 13 साल बाद नवंबर 2017 में भारत की रेटिंग को BAA3 से अपग्रेड कर BAA2 किया था। तीन साल बाद उसने फिर से इसे घटा दिया है।

55 करोड़ अन्नदाताओं के लिए बड़े ऐलान, 7 करोड़ किसानों को कर्ज के ब्याज पर राहत

सरकार के लिए बढ़ सकता सकता है सिरदर्द
मूडीज के रेटिंग कम करने से अब सरकार की परेशानियों में इजाफा देखने को मिल सकता है। जानकारों की मानें तो रेटिंग कम करने का मतलब साफ है कि सरकार की आर्थिक और वित्तीय स्तर पर सिरदर्दी बढऩे जा रही है। मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दिनों में सरकार और उसकी एजेंसियों को पॉलिसी लागू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना होगा।

रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना का ऐलान, 50 लाख से ज्यादा को होगा फायदा

क्या होता है नेगेटिव आउटलुक?
वास्तव में नेगेटिव आउटलुक से यह मतलब होता है कि देश की इकोनॉमी और फाइनैंशल सिस्टम बुरे दौर में है। आने वाले दिनों में राजकोषीय स्थिति पर गंभीर स्थिति होने की संभावना है। आपको बता दें कि सरकार की ओर से जारी जीडीपी आंकड़े के बताते हैं कि देश की इकोनॉमी 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। राजकोषीय घाटा भी 4 फीसदी से आगे बढ़ गया है। ऐसे में देश की इकोनॉमी को लगातार झटके लग रहे हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो