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नीति आयोग के पुनर्गठन के बाद पूंजी जुटाने की तैयारी में सरकार, अपनी एसेट्स बेचेंगी ये सरकारी कंपनियां

locationनई दिल्लीPublished: Jun 07, 2019 02:41:11 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

नीति आयोग ने कुल 50 परिसंपत्तियों की बिक्री का बनाया प्लान।
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टिगेशन एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट को भेजी गई लिस्ट।
चालू वित्त वर्ष में 90 हजार करोड़ रुपए है विनिवेश का लक्ष्य।

Niti Aayog

नीति आयोग के पुनर्गठन के बाद पूंजी जुटाने की तैयारी में सरकार, अपनी एसेट्स बेचेंगी ये सरकारी कंपनियां

नई दिल्ली। बीते दिन नीति आयोग ( niti aayog ) के पुनर्गठन के ठीक के बाद सरकार अब पूंजी जुटाने के लिए नई तैयारियों में जुटी हुई है। दरअसल, नीति आयोग ने कुल 50 ऐसे परिसंपत्तियों की पहचान की है जिसे बेचकर सरकार पूंजी जुटाएगी। इनमें एनटीपीसी, सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया का नाम शामिल हैं। एक सरकार अधिकारी ने बताया, “हम इन परिसंपत्तियों को बेचकर पूंजी जुटाने की तैयारी में है”

इस संबंध में डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टिगेशन एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ( DIPAM ) को नीति आयोग ने लिस्ट भी भेज दी है। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद संबंधी मंत्रालय और पब्लिक सेक्टर कंपनियों को बिक्री प्रक्रिया शुरू करने में आसानी होगी।

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अमिताभ कांत ने निकाली लिस्ट

इस लिस्ट को नीति आयोग के सीईओ अमितांभ कांत ने नोडल मंत्रालयों के सचिव के साथ मिलकर निकाली है। अधिकारी ने बताया, “तय समय के अंदर जब भी जरूरत होगी, हम नए लिस्ट निकालते रहेंगे।” अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि बदरपुर में बंद हो चुके एनटीपीसी के प्लांट में 400 एकड़ की जमीन है। वहीं, दूसरी संपत्तियों में सेल ( SAIL ) की ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट भी शामिल है।

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वित्त वर्ष 2020 में 90 हजार करोड़ है विनिवेश का लक्ष्य

बता दें कि सरकार ने अभी तक शुरुआती दो महीनों में केवल 2,350 करोड़ रुपए ही विनिवेश के माध्यम से जुटा सकी है। चालू वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने विनिवेश के जरिए 90 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसके पहले, वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने विनिवेश के जरिए कुल 84,972.16 करोड़ रुपए जुटाया था। पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने विनिवेश का लक्ष्य 80 हजार करोड़ रुपए रखा था।

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इन कंपनियों की संपत्तियो की भी होगी बिक्री

इसके पहले विभाग ( DIPAM ) ने उन संपत्तियों की पहचान की थी, जिन्हें किसी सरकारी कंपनी ने त्याग दिया था। इसमें स्कूटर इंडिया, भारत पंप्स एंड कंप्रेसर, प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट, ब्रिज एंड रूफ कंपनी और हिंदुस्तान फ्लोरेकॉर्बन शामिल हैं। बीते फरवरी माह में, कैबिनेट ने सरकारी कंपनियों के नॉन कोर संपत्तियो को बेचकर पूंजी जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिया था। मंत्रियो के इस पैनल में तात्कालिक वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल थे।

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