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आंगनवाड़ी और मिड-डे मिल वर्कर्स को भी पीएफ

locationनई दिल्लीPublished: Aug 28, 2017 08:51:00 am

Submitted by:

manish ranjan

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इस बारे में एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। ईपीएफओ के इस प्रस्ताव के पास होने से करीब 62 लाख वर्कर्स को फायदा होगा।

नई दिल्ली। देश में काम कर रहीं लाखों आंगनवाड़ी, आशा और मिड डे मील वर्कर्स को जल्द ही प्रॉविडेंट फंड का फायदा मिल सकता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस बारे में एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। ईपीएफओ के इस प्रस्ताव के पास होने से करीब 62 लाख वर्कर्स को फायदा होगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी सीबीटी मेंबर के मुताबिक आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को पीएफ की सुविधा मुहैया कराने को लेकर एक प्रस्ताव रखा है गया है। जिसपर सरकार जल्द फैसला कर सकता है। ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव और सीबीटी मेंबर के मुताबिक आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को पीएफ बेनेफिट दिलाने के का प्रस्ताव सीबीटी के एजेंडे में शामिल किया गया था। सैलरी की बात करें तो दिल्ली में फिलहाल आंगनबाड़ी वर्कर्स की सैलरी 9 हजार के करीब है। जबकि हेलपर्स को करीब 4000 रुपए तक मिलते हैं। जिसमें 900 रुपए प्रतिमाह केंद्र सरकार के हिस्से का होता है। इसके अलावा ५०० रुपए तक मोबाइल के लिए भी मिलता है। उम्मीद है कि ईपीएफओ और सरकार इस बारे में जल्द ही खुशखबरी दे सकती है।


सरकार जता चुकी है सहमति

केंद्र सरकार ने पिछले साल भारतीय मजदूर संघ की मांगों पर विचार विमर्श के दौरान आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को पीएफ का फायदा दिए जाने की मांग को सहमति जताई थी। वित्त मंत्रालय ने इस पर एक्सपर्ट कमेटी का गठन भी किया था। मौजूदा समय में ईपीएफओ के सक्रिय मेंबर्स की संख्या लगभग 4.5 करोड़ है। ईपीएफओ ने जनवरी 2017 से जून, 2017 के बीच में लगभग 1 करोड़ नए मेंबर्स अपने साथ जोड़े हैं। ईपीएफओ लगभग 8 लाख करोड़ रुपए के पीएफ फंड का प्रबंधन कर रहा है।


62 लाख वर्कर्स को मिलेगा फायदा

आंगनवाड़ी, आशा और मिड डे मील वर्कर्स के तौर पर 62 लाख वर्कर्स देश भर में काम रहीं हैं। इन वर्कर्स को मौजूदा समय में किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा की सुविधा नहीं मिल रही है। अगर इन वर्कर्स को पीएफ कवरेज के दायरे में लाया जाता है तो वर्कर्स को पीएफ के साथ मेडिकल सुविधा भी मिलेगी। जिससे इन लोगों को कुछ राहत मिलेगी।

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