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इन मुद्दों पर हुई चर्चा
आरबीआई के अनुसार, बैठक के दौरान जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें राज्य सरकारों के लिए राज्य वित्त आयोग के गठन की आवश्यकता भी शामिल थी। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र की उधारी की आवश्यकताएं और वित्त आयोग की निरंतरता पर विचार-विमर्श किया गया। आरबीआई ने एक बयान में कहा, “ऐसा महसूस किया गया कि राज्यों की वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकताओं के मद्देनजर इसकी (वित्त आयोग की निरंतरता) आवश्यकता है।
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अर्थव्यवस्था में राज्यों का महत्व बढ़ा
खासतौर से वित्त आयोग द्वारा प्रदत्त अवार्ड की मध्यकालीन समीक्षा को लेकर, क्योंकि यह पूर्व में योजना आयोग द्वारा प्रदत्त अवार्ड हुआ करता था।” अन्य मसलों में खासतौर से खर्च की नियमावली और आर्थिक विकास व महंगाई में राज्यों की भूमिका पर चर्चा की गई। इसके अलावा, वित्त आयोग के पास अपनी प्रस्तुति में आरबीआई ने बताया कि सरकार की वित्तीय संरचना में बदलाव के साथ अर्थव्यवस्था में राज्यों का महत्व बढ़ गया है।
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