पिछले साल के मुकाबले कम हुई महंगाई
भले ही खुदरा महंगाई दर पिछले चार महीने के उच्च्तम स्तर पर हो, लेकिन पिछले साल की समान अवधि यानि फरवरी 2018 में यह महंगाई दर 2 फीसदी अधिक थी। फरवरी 2018 में महंगाई दर 4.44 फीसदी थी। आने वाले दिनों में चुनाव आने वाले हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतें खुदरा सामान की कीमतों में और भी इजाफा कर सकती है। अभी अर्थशास्त्रियों का अनुमान गलत साबित हुआ है। आने वाले महीनों में यह दर क्या रहती है अभी इस बात का पता लगा पाना मुश्किल है।
उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक भी नीचे
वहीं समीक्षाधीन महीने में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) फरवरी 2018 के 3.26 फीसदी से घटकर 0.66 प्रतिशत हो गया। हालांकि, यह जनवरी में शून्य से 2.24 फीसदी नीचे के मुकाबले मजबूत हुई है। इससे पहले नवंबर, 2018 में मुद्रास्फीति शून्य से 2.33 फीसदी के निचले स्तर पर थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े के अनुसार, सीएफपीआई में जनवरी में 2.24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों पर फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है।
औद्योगिक उत्पादन दर जनवरी में 1.7 फीसदी
देश का औद्योगिक उत्पादन दर जनवरी 2019 में पिछले वर्ष की समान अवधि के 7.5 फीसदी से घटकर 1.7 फीसदी हो गई। आधिकारिक आंकड़े में मंगलवार को कहा गया है कि माह-दर-माह आधार पर भी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक आईआईपी समीक्षाधीन माह के दौरान दिसंबर 2018 की तुलना में घट गया। दिसंबर में यह 2.60 फीसदी था। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय सीएसओ ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “अप्रैल-जनवरी 2018-19 का सकल वृद्धि दर पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 4.4 फीसदी रही।”