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SBI Ecowrap Report: लॉकडाउन की वजह से करीब 8.03 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

चौथी तिमाही में देश की जीडीपी की विकास दर 2.5 फीसदी रहने का अनुमान वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी की विकास दर घटकर 2.6 फीसदी होने का अनुमान मौजूदा वित्त वर्ष की जीडीपी की विकास दर 4.5 फीसदी रहने क अनुमान लगाया गया

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Saurabh Sharma

Mar 27, 2020

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SBI Ecowrap Report: Loss of about 8.03 lakh crores due to lockdown

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का असर देश की जीडीपी के साथ आम लोगों की जेब पर भी पडऩा शुरू हो गया है। आम जनता को सरकार का आर्थिक पैकेज कितनी राहत देगा, यह बात तो भविष्य की है। वहीं देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी इकोरैप 2020 की रिपोर्ट में जो अनुमान लगाया है वो वाकई चौकानें वाला है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए जिस लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है उससे देश को बाजार मूल्य के हिसाब से 8 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। वहीं चौथी तिमाही ही विकास 2.5 फीसदी और वित्त वर्ष 2020-21 की विकास दर 2.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।

देश की जीडीपी पर गंभीर रिपोर्ट
इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा तिमाही में एसबीआई की ओर से जो अनुमान लगाया है वो 2.5 फीसदी कास है। जबकि मौजूदा वित्त वर्ष की जीडीपी की विकास 5 फीसदी के अनुमान को कम कर 4.5 फीसदी कर दी है। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार गंभीर बात तो ये है कि रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी को पूरी तरह के धराशाई होने का अनुमान लगाया है। आंकड़ों के अनुसार अगले वित्त वर्ष में जीडीपी की विकास दर का अनुमान 2.6 फीसदी किया गया है।

8 लाख करोड़ रुपए का नुकसान
एसबीआई इकोरैर 2020 रिपोर्ट के अनुसार इस लॉकडाउन की वजह से बाजार मूल्य के हिसाब से देश को 8.03 लाख करोड़ रुपए के नुकसान का अनुसान है। वहीं आय के मामनले में 1.777 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। पूंजी आय के तहत 1.65 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की उम्मीद जताई गई है। सबसे ज्यादा कृषि, परिवहन, होटल, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में आय का नुकसान हो सकता है।

तीन दिन पहले बार्कलेज की आई थी रिपोर्ट
करीब तीन पहले बार्कजेल बैंक की रिपोर्ट भी आई थी। जिसमें कहा गया था कि देश को कोरोना लॉकडाउन की वजह से 9 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान इंडियन इकोनॉमी की रफ्तार महज 2.5 फीसदी रह जाएगी जबकि पहले का अनुमान 4.5 फीसदी का था। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विकास दर के पूर्वानुमान को 5.2 फीसदी से घटा कर 3.5 फीसदी कर दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चालू साल में भले ही विकास दर घटे, लेकिन अगले साल इसमें बढ़ोतरी का अनुमान है।