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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जीएसटी कानून के तहत बैंक खाते व संपत्ति को जब्त करने का आदेश काफी कठोर

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि कार्यवाही लंबित होने के दौरान अस्थायी रूप से संपत्ति आदि की जब्ती का मतलब यह है कि अंतिम देय राशि को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में अस्थायी रूप से जब्ती, कानून में दी गई प्रक्रिया व शर्तों के अनुरूप ही होनी चाहिए।

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Saurabh Sharma

Apr 21, 2021

SC said, bank account, property sieze order under GST law very strict

SC said, bank account, property sieze order under GST law very strict

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी कालूल के तहत किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी को सीज करने के फैसले को काफी कठोर करार दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी इस नियम का यूज अनियंत्रित तरीके से नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि कार्यवाही लंबित होने के दौरान अस्थायी रूप से संपत्ति आदि की जब्ती का मतलब यह है कि अंतिम देय राशि को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में अस्थायी रूप से जब्ती, कानून में दी गई प्रक्रिया व शर्तों के अनुरूप ही होनी चाहिए।

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किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा ऐसा
सुप्रीम कोर्ट ने राधाकृष्ण इंडस्ट्रीज द्वारा हिमाचल प्रदेश के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर प्रदेश के जीएसटी अधिनियम की धारा-83 की व्याख्या करने के दौरान ऐसा कहा है। पीठ ने कहा कि कमिश्नर को इस बात का जरूर ख्याल रखना चाहिए कि इस तरह के प्रावधान लोगों की संपत्ति पर हमला करने के लिए बिल्कुल भी नहीं है। इसका इस्तेमाल राजस्व के हितों की रक्षा के लिए तब करना चाहिए जब कोई दूसरा रास्ता ना बचा हो। इससे पहले हाईकोर्ट ने अथॉरिटी द्वारा अस्थायी रूप से संपत्ति जब्त करने के फैसले के खिलाफ राधाकृष्ण इंडस्ट्रीज की याचिका को खारिज कर दिया था।

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क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार राधाकृष्ण इंडस्ट्रीज पर 5.03 करोड़ रुपए का कर्ज था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा है कि धारा-83 के तहत जब्ती की कार्रवाई का प्रावधान बेरहम व कठोर है। इससे पहले सात अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संसद की मंशा थी कि जीएसटी नागरिकों के अनुकूल कर ढांचा हो लेकिन जिस तरह से इसे देश भर में लागू किया जा रहा है, वह इसके उद्देश्य को खत्म कर रहा है।