
School Canteen
नई दिल्ली। अगर आपका बच्चा स्कूल या कॉलेज में पढ़ता है और लंच के समय में अपने स्कूल या कॉलेज के ऊपर ही डिपेंड है तो इस आदत को आज से ही बदल दीजिये। वर्ना आपकी जेब को खाली होने से कोई भी नहीं रोक सकता है। क्योंकिे केंद्र सरकार ने स्कूल और कॉलेज की कैंटीन से 5 फीसदी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को खत्म करने से इनकार कर दिया है। मतलब साफ है कि आपके बच्चे को जो खाना स्कूल और कॉलेज की कैंटी में सस्ता मिलनस चाहिए, उसपर भी महंगाई की मार पड़ गई है।
स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के लिए बुरी खबर
कॉलेज या स्कूल के कैंटीन में खाना खाने वाले स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के लिए बहुत बुरी खबर है। वित्त मंत्रालय ने देश की सभी तरह की शैक्षणिक संस्थाओं की कैंटीन पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को हटाने से इनकार कर दिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से किए गए इस फैसले के बाद आम लोगों की जेब पर और भी भारी बोझ पड़ने के आसार हैं। क्योंकि देश में कई पेरेंट्स ऐसे हैं जो खुद काम करते हैं और अपने बच्चों को सुबह उठकर लंच बॉक्स बनाकर नहीं दे सकते। ऐसे में वो कैंटीन के भरोसे पर ही हैं। लेकिन टैक्स लगाकर ऐसे पेरेंट्स को तगड़ा झटका दिया है।
सरकार ने बताया अच्छी पहल
वहीं दूसरी ओर सरकार ने इसे एक अच्छी पहल बताया है। सरकार का कहना है कि कैंटीन्स के फूड्स और ड्रिंक्स पर जीएसटी अच्छी पहल है। इन्हें 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखा गया है। फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया, शैक्षिक संस्थानों के कैंटीन्स में फूड्स और ड्रिंक्स से जीएसटी रेट को हटाने का कोई विचार नहीं है। इन कैंटीन्स में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के बिना 5 फीसदी का जीएसटी अच्छी पहल है।
यहां मिली राहत
वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर एक राहत भी दी गई है। राहत की बात यह है कि बाहर से सप्लाई करने वाले वेंडर्स को इस मामले में जीएसटी से छूट मिली है। फाइनेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक अगर बाहर से स्कूल और हायर सेकेंड्री में फूड सप्लाई किया जाता है तो वह जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे। लेकिन इस तरह की व्यवस्था कई स्कूलों में ना के बराबर हैं।
Published on:
12 Apr 2018 11:48 am
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