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चुनाव से पहले मोदी सरकार को लग सकता है झटका, लक्ष्‍य से कम हो सकता है टैक्‍स कलेक्‍शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को बड़ा झटका लग सकता है। वित्त सचिव एस सी गर्ग ने यह स्वीकार किया है कि सरकार इनडायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगी। गर्ग ने ये भी बताया कि सरकार डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन के लक्ष्य को समय से हासिल कर लेगी।

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Narendra Modi

चुनाव से पहले मोदी सरकार को सबसे बड़ा झटका, लक्ष्‍य से कम हो सकता है टैक्‍स कलेक्‍शन

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को अब कुछ ही समय बाकी है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को बड़ा झटका लग सकता है। टैक्‍स कलेक्‍शन के लिए मोदी सरकार लगातार प्रयास करती आई है, लेकिन वित्त सचिव एस सी गर्ग ने बताया कि सरकार के प्रयासों को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल वित्त सचिव एस सी गर्ग ने यह स्वीकार किया है कि सरकार चालू वित्त वर्ष में इनडायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन का लक्ष्य संभवत: हासिल नहीं कर पाएगी।

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सरकार ऐसे करेगी घाटे की भरपाई

हालांकि गर्ग ने ये भी बताया कि सरकार डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन के लक्ष्य को समय से हासिल कर लेगी। उन्होंने यह नहीं बताया कि इनडायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन लक्ष्य से कितना कम रहेगा। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों के बावजूद वित्त वर्ष 2018- 19 के लिए रखे गए राजकोषीय घाटे के संशोधित 3.4 फीसदी के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। हम इसकी भरपाई बचत से कर लेंगे। ऐसे में 3.4 फीसदी का राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सुरक्षित है। सरकार ने अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटे का लख्य 3.4 प्रतिशत रहने का संशोधित लक्ष्य रखा है जो पिछले बजट में रखे गए लक्ष्य की तुलना में 0.1 फीसदी अधिक है।

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GST है इनडायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन का मुख्‍य आधार

बता दें कि इनडायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन का मुख्‍य आधार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (GST) है। लेकिन इस वित्त वर्ष में जीएसटी अब तक औसतन 95,000 करोड़ रुपए मासिक रहा है। वहीं साल के सिर्फ 3 महीनों में जीएसटी कलेक्‍शन लक्ष्य के मुताबिक 1 लाख करोड़ रुपए को पार कर सका। जीएसटी के तहत रेवेन्‍यू कलेक्‍शन की बात करें तो फरवरी में पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी बढ़कर 97,247 करोड़ रुपए हो गया है। जनवरी 2019 में जीएसटी कलेक्‍शन 1,02,503 करोड़ रुपए रहा।

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