
education news
Education News एसीबी के छापों के कारण 5 महीने से कामकाज अटका
आंगनबाड़ी केंद्रो को प्री-स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना दूसरे ही साल दम तोड़ती नजर आ रही है। इस साल आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले 10 लाख बच्चों तक किताबें-वर्कबुक आदि पढ़ाई की सामग्री नहीं पहुंचेंगी। पिछले साल की वर्कबुक-किताबें 4 महीने पहले ही खत्म हो चुकी हैं। नया सत्र 1 मार्च से शुरू होना था मगर अब तक केंद्रों पर किताबें ही नहीं पहुंची हैं। आगामी 3-4 महीने तक पहुंचने की संभावना भी नहीं है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पढ़ाने व प्री-स्कूल के रूप में सेट-अप करने की योजना पिछले साल ही शुरू हुई थी। समेकित बाल विकास सेवाएं के तत्कालीन निदेशक समित शर्मा ने आंगनबाड़ी केंद्रों के 10 लाख बच्चों के लिए किताबें छपवाई थी। उनकी उम्र के अनुसार वर्कबुक तैयार करवाई थी। इसमें सालभर के लिए दिनांक के अनुसार सिलेबस तय था। पिछले साल किताबें जनवरी-फरवरी में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचा दी गई थी। वर्कबुक में 1 मार्च 2017 से 29 जनवरी 2018तक के लिए सामग्री थी। जनवरी से मई तक केंद्रों पर बच्चों के पढ़ाई न के बराबर हो रही है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 4-5 माह से नहीं पहुंची किताबें
फैक्ट फाइल
60 हजार हैं प्रदेश में कुल आंगनबाड़ी केंद्र
3 से 6 वर्ष के करीब 10 लाख बच्चे हैं प्रदेशभर के केंद्रों में
4 घंटे रोजाना दी जानी है केंद्रों पर बाल्यावस्था शिक्षा
3-4 वर्ष के बच्चों के लिए किलकारी, 4-5 वर्ष के लिए उमंग, 5-6 वर्ष के बच्चों के लिए तरंग वर्कबुक दी गई थी पिछले साल
एसीबी के छापों का असर
विभाग में जनवरी से अब तक एसीबी के कई छापे पड़ चुके हैं। कई अफसरों की लिप्तता के कारण विभागीय अधिकारी सहमे हुए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार पिछले 5 महीने से विभाग में कामकाज ठहर गया है। बच्चों की किताबें, स्टेशनरी छपवाने से लेकर अन्य प्रमुख कार्यों के टेंडर ही अब तक नहीं हुए हैं। ऐसे में किताबें व अन्य स्टेशनरी आगामी तीन-चार महीनों तक आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचने की उम्मीद ही नहीं है।
प्री-प्राइमरी स्कूल की थी तैयारी
राज्य सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को दलिया-खिचड़ी सेंटर के स्थान पर प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रही थी। इसी योजना में केंद्रों को स्कूलों से जोड़ा गया। साथ ही केंद्रों पर बच्चों की पढ़ाई के लिए किताबें दी गई। अब कुर्सी-मेज-अलमारी सहित अन्य सामान भी दिया जाना था लेकिन योजना शुरू होने के दूसरे ही वर्ष खटाई में पड़ती दिख रही है।Anganwadi Jobs
Published on:
04 Jun 2018 08:49 am
बड़ी खबरें
View Allशिक्षा
ट्रेंडिंग
