
Priyanka Vergadia Career Journey (Image Saurce: Post/X)
Priyanka Vergadia Career Journey: भारत में हर साल लाखों स्टूडेंट्स IIT और कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में अपनी किस्मत आजमाते हैं। इनमें से कई स्टूडेंट्स ऐसे भी होते है जो असफल होने पर निराश होकर अपनी राहें बदल लेते हैं या हिम्मत हार जाते हैं। लेकिन प्रियंका वर्गाडिया की कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है जो, अप्स-डाउन्स और फेल्योर से घबरा जाते हैं। प्रियंका दो बार IIT की एंट्रेस एग्जाम में फेल हुईं, कर्ज के बोझ तले दबी रहीं, इसके बावजूद आज उन्होंने ग्लोबल टेक की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है।
प्रियंका वर्गाडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर अपने सफर के बारे में जानकारी शेयर करते हुए बताया कि, उनका संघर्ष साल 2000 में शुरू हुआ था। उन्होंने चार साल तक जी-जान लगाकर आईआईटी की तैयारी की। लेकिन साल 2004 में पहली बार और फिर 2005 में दूसरी बार भी वह परीक्षा पास नहीं कर सकीं। इस असफलता ने उन्हें तोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने मजबूरी में एक साधारण इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया।
प्रियंका के लिए यह सफर आसान नहीं था। साल 2008 में उन्होंने अमेरिका से पोस्ट ग्रेजुएशन करने का फैसला लिया। इसके लिए उन्हें बैंक से भारी-भरकम एजुकेशन लोन भी लेना पड़ा। 2009 में उन्होंने पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी (UPenn) में दाखिला लिया, इसमें कोई दोराय नही है की उन्हें नए देश में जीरो से शुरुआत करनी पड़ी। 2010 में जब उनके सभी दोस्तों को इंटर्नशिप मिल गई थी, तब प्रियंका संघर्ष कर रही थीं। आखिरकार काफी मशक्कत के बाद उन्हें एक स्टार्टअप में काम करने का चांस मिला।
करियर की शुरुआत में प्रियंका ने क्वालिटी एश्योरेंस इंजीनियर (QA) के तौर पर काम किया। साल 2013 प्रियंका के करियर के लिए सुनहरा मोड़ साबित हुआ, जब उन्होंने रिस्क लेते हुए कस्टमर फेसिंग इंजीनियरिंग सेक्टर में कदम रखा। उनकी मेहनत रंग लाई और 2017 में उन्हें गूगल से बुलावा आया। गूगल में उन्होंने शानदार काम किया और वहां नॉर्थ अमेरिका में गूगल क्लाउड की लीडर बनीं। इसके बाद 2024 में माइक्रोसॉफ्ट ने उन्हें अपनी डेवलपर स्ट्रेटजी को लीड करने के लिए चुना। आज वह दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में 'सीनियर डायरेक्टर' के पद पर काबिज हैं।
प्रियंका वर्गाडिया आज ना केवल एक सफल कॉर्पोरेट लीडर हैं, बल्कि बेस्ट सेलिंग राइटर भी हैं। हाल ही में उन्होंने व्हार्टन से MBA की डिग्री पूरी की है। वह कहती हैं कि, IIT में फेल होना उनके जीवन का अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत थी। उन्होंने स्टूडेंट्स को मैसेज देते हुए कहा कि, सफलता का मतलब किसी कमरे में सबसे स्मार्ट शख्स होना नहीं, बल्कि लगातार कोशिश करना और सीखने की ललक रखना है। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे अपनी तुलना दूसरों से न करें और असफलता या डर को अपने जीवन के फैसले न लेने दें।
Published on:
31 Dec 2025 04:53 pm
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