
madras HC
तमिल नाडु में मेडिकल एडमिशन काउंसिलिंग के लिए आधार कार्ड और उसकी कॉपी अनिवार्य है। मद्रास हाईकोर्ट ने शनिवार २३ जून को यह स्पष्ट किया। जस्टिस एन किरुबकरन ने यह आदेश पास किया। तमिल नाडु में अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स को मेडिकल कोर्सेस में बिना स्कू्रटिनी और उनकी नेटिविटी जाने एडमिशन देने के विरोध में मद्रास हाईकोर्ट में पेटिशन डाली गई थी। जज ने तमिल नाडु में मेडिकल एजुकेशन अथॉरिटीज को निर्देश दिया कि एडमिशन के समय स्टूडेंट्स से आधार कार्ड दिखाने को कहा जाए।
पेटिशनर्स ने आरोप लगाया था कि तमिल नाडु में अन्य राज्यों के कई स्टूडेंट्स ने फर्जी नेटिविटी सर्टिफिकेट के आधार पर एमबीबीएस सीट हासिल की है। इससे तमिल नाडु के स्टूडेंट्स का इन कोर्सेस में एडमिशन लेने का चांस कम हो जाता है। पहले भी एडवोकेट्स की कमेटी और सरकारी अधिकारियों ने कोर्ट को सूचित किया था कि नीट के जरिए तमिल नाडु में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन पाने वाले २९६ स्टूडेंट्स को नेटिविटी सर्टिफिकेट बिना स्क्रूटिनी और इंक्वायरी के दिए गए थे। इसके बाद असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) जी कार्तिकेन ने थोड़ा समय मांगा था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन लोगों ने तमिल नाडु और अन्य राज्यों में आवेदन किए हैं।
एएसजी और पेटिश्नर्स के काउंसिल को सुनने के बाद जज ने कहा कि अन्य राज्यों में आवेदन फॉर्म में ही आधार नंबर मांग लिया जाता है। इसलिए काउंसिलिंग के समय स्टूडेंट्स से उसका आधार कार्ड दिखाने और आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेना उचित है। इसके जरिए अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स को स्टेट कोटा के तहत फायदा लेने से रोका जा सकेगा। इसके चलते अथॉरिटीज को निर्देश दिए गए हैं कि वे मेडिकल एडमीशन के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स से उनका आधार कार्ड भी दिखाने को कहें। इसके बारे में वेबसाइट पर भी जानकारी दी जाए। जस्टिस किरुबकरन ने अगली सुनवाई की तारीख दो सप्ताह बाद की दी है।
Updated on:
23 Jun 2018 03:34 pm
Published on:
23 Jun 2018 12:59 pm
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