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नई दिल्ली। शिकायतें मिलने के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबंधित स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शिक्षकों के लिए नियम बनाए। सीबीएसई की ओर से स्कूलों को भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) नियम, 2009 के तहत और अन्य कानूनों के तहत यह देखा गया है कि शिक्षकों की नियुक्ति और उकनी काबिलियत, शिक्षकों की काम करने की परिस्थितियां, उनका पेशेवर विकास और उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए कई स्कूल कदम नहीं उठा रहे हैं।
सर्कुलर में आगे कहा गया है कि सीबीएसई से जुड़े स्कूलों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं कि वे कथित तौर पर पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा, वेतन और भत्तों को बांटने में देरी, पदोन्नती में देरी, स्कूल का समय पूरा होने के बाद भी शिक्षकों को रोके रखना, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने जैसी शिकायतें मिल रही थीं।
सीबीएसई के अनुसार, इन कदमों के चलते शिक्षक अपने करियर के प्रति गंभीर नहीं हो पाते जिसके चलते कक्षा में वे ठीक से बच्चों को पढ़ा नहीं पाते। यही वजह है कि शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की सीखने की काबिलियत पर नकारात्मक असर पड़ता है। बोर्ड ने उससे संबंधित स्कूलों को शिक्षकों के लिए सेवा नियम और काम करने के तरीकों के लिए कायदे-कानून बनाने के लिए कहा है। साथ ही शिक्षकों की नियुक्तियां आरटीई और सीबीएसई नियमों के तहत करने के लिए कहा है।
अगले 5 साल में भारत 100 फीसदी साक्षरता हासिल कर लेगा : जावड़ेकर
जयपुर। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को दावा किया कि अगले पांच वर्षों में भारत 100 फीसदी साक्षरता दर हासिल कर लेगा। राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित 'फेस्टिवल ऑफ एजुकेशनÓ का उद्घाटन करते हुए जावड़ेकर ने कहा, आजादी से पहले देश की साक्षरता दर 18 फीसदी थी। आज यह 80 फीसदी से ऊपर हो चुकी है और मैं गारंटी देता हूं कि अगले पांच वर्षों में यह 100 फीसदी हो जाएगी। मतलब देश में कोई निरक्षर नहीं रह जाएगा।
जावड़ेकर ने कहा, कक्षा 6 से कक्षा 12 के विद्यार्थियों को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि वे अपने परिजनों, दादा-दादी और नाना-नानी तथा परिवार में अन्य निरक्षर व्यक्तियों को ज्ञान बांट सकें। ये बच्चे ही उनके लिए गुरु होंगे। उन्होंने कहा, और इस तरह हम देश से निरक्षरता को जड़ से खत्म कर देंगे। जावड़ेकर ने साथ ही यह भी कहा कि साक्षरता सिर्फ लिखना-पढऩा भर नहीं है, बल्कि ढेर सारा ज्ञान हासिल करना है।
उन्होंने कहा, हमारी प्राथमिकता शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ रोजगार हासिल करना नहीं है, बल्कि एक अच्छा इंसान होने के लिए भी यह जरूरी है।

Published on:
07 Sept 2017 06:37 pm
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