
AI In Demand: दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। एआई का इस्तेमाल स्कूलों में भी होने लगा है। ब्रिटेन में किए गए सर्वे की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि एआई पर ज्यादा निर्भरता विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता को नुकसान पहुंचा सकती है। बच्चे धड़ल्ले से AI का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे उनकी सोचने की क्षमता पर असर पड़ने का खतरा है।
नेशनल लिटरेसी ट्रस्ट ने ब्रिटेन के 13 से 18 साल के 15,830 स्कूली विद्यार्थियों और 1,228 शिक्षकों को सर्वे में शामिल किया। रिपोर्ट के मुताबिक प्रौद्योगिकी में विकास से बच्चों के जीवन पर असर पड़ रहा है। ब्रिटेन में अब 13 से 18 साल के हर चार में से तीन (77.1%) बच्चे जनरेटिव AI का इस्तेमाल कर रहे हैं। दो साल पहले पांच में से दो (37.1%) बच्चे ऐसा करते थे। ज्यादातर बच्चे AI का इस्तेमाल नए विचार पाने के लिए करते हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन एआई उन्हें नकलची भी बना रहा है। पांच में से एक बच्चे (21%) ने बताया कि वह आमतौर पर वही कॉपी करता है, जो AI से मिलता है। ऐसे बच्चे बिना परखे AI का इस्तेमाल करते हैं।
सर्वे में जनरेटिव AI का इस्तेमाल करने वाले बच्चों और शिक्षकों के दृष्टिकोण, व्यवहार, आत्मविश्वास का पता लगाने की कोशिश की गई। सर्वे में पांच में से दो (39.6%) बच्चों ने कहा कि एआई से उन्हें लिखने में मदद मिली, जबकि चार में से एक (23.2%) ने महसूस किया कि इसने उनकी पढ़ने में मदद की। ज्यादातर बच्चों ने कहा कि उन्हें कुछ नया समझने या सीखने में भी मदद मिली।
ब्रिटेन के स्कूलों में जनरेटिव एआई का इस्तेमाल करने वाले शिक्षक 2023 में 31 फीसदी थे, जो 2024 तक 47.7 फीसदी हो गए। सर्वे में ज्यादातर शिक्षकों ने महसूस किया कि जनरेटिव एआई बच्चों के लिए अच्छे लेखन का मॉडल हो सकता है, लेकिन इसका बच्चों के लेखन कौशल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
Published on:
10 Mar 2025 10:55 am
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