अक्षत यूं तो इंजीनिरिंग करके खुश थे लेकिन घर पर माता व पिता को देश सेवा से जुड़ा देखकर भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला लिया। इसीलिए साल 2017 में बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। पहले प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा में 2 अंकों से फ़ैल हो गए थे। यह परीक्षा महज 3 महीने की तैयारी करके अक्षत ने दी थी।
आखरिकार अक्षत ने दूसरे ही प्रयास में ये कारनामा कर दिखाया। एक साल बाद यानी कि 2018 में UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली।
अक्षत ने तैयारी के लिए एक स्ट्रेटजी बनाई थी, जिसके तहत वो शॉर्ट नोट्स बनाते थे। इससे उन्हें रिवाइज करने काफी आसानी होती थी। अक्षत जैन का मानना है कि सिलेबस के अनुसार अगर आप शॉ्ट नोट्स तैयार कर लेते हैं तो चीजों को समझने और याद करने में आसानी होती है।
जयपुर के रहने वाले हैं अक्षत तैयारी के लिए एक स्ट्रेटजी बनाई, जिसके तहत वो शॉर्ट नोट्स बनाते थे। जिससे उन्हें रिवाइज करने काफी आसानी होती थी। अक्षत जैन का मानना है कि सिलेबस के अनुसार अगर आप शॉ्ट नोट्स तैयार कर लेते हैं तो चीजों को समझने और याद करने में आसानी होती है। अक्षत जैन के मुताबिक लोग सोर्स में ज्यादा फंसते हैं, ऐसे में एक ही सोर्स तय करें। आंसर राइटिंग के साथ-साथ एनसीआरटी की किताबों पर भरोसा करें। इन दोनों पर खास कर ध्यान देने की जरूरत है।
अक्षत जैन सिर्फ 23 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा क्रैक किया था। अक्षत बताते हैं कि कई लोग यह सोचकर तैयारी करते हैं कि प्रीलिम्स के बाद मेन्स की तैयारी शुरू करेंगे। ऐसे में ये तरीका बिल्कुल गलत है। तैयारी मेन्स और प्रीलिम्स दोनों को ध्यान में रखकर करना चाहिए क्योंकि दोनों परीक्षा में समय काफी कम होता है। परीक्षा के दौरान किसी भी टॉपिक पर अच्छी प्रैक्टिस होनी चाहिए।