
Sheikh Hasina: बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत में शरण ली है। उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और फिलहाल भारत में ही हैं। यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब भारत ने शेख हसीना की मदद की हो। 1975 में उनके माता-पिता समेत परिवार के अन्य लोगों की हत्या के बाद भी भारत शेख हसीना के लिए सहारा बना था। यही नहीं शेख हसीना की तरह उनके बच्चों ने भी भारत के साथ एक खास रिश्ता साझा किया है।
शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद (Sajeeb Wazed) और उनकी बेटी सायमा (Saema Wazed) का भारत से अनोखा रिश्ता है। उनके बचपन की यादें भारत से जुड़ी हुई हैं। अब ये जानकर आपको हैरानी हो रही होगी कि शेख हसीना के बच्चों ने भारत में शिक्षा हासिल की है।
कहा जाता है कि जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शेख हसीना को भारत में शरण दी थी, तब हसीना के भारत के साथ रिश्ते काफी मजबूत हो गए थे। प्रणब मुखर्जी और हसीना के दिवंगत पति एम. ए. वाजेद मियाह में गहरी दोस्त हो गई थी। ये वो दौर था जब वाजेद भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग की नई दिल्ली स्थित प्रयोगशाला में रिसर्च कर रहे थे। इस दौरान शेख हसीना, अपने बच्चों के साथ, दिल्ली में रहीं। सरकार ने उनके परिवार की देखभाल में कोई कमी नहीं रखी थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रणब मुर्खजी की पत्नी शुभ्रा और शेख हसीना काफी अच्छी सहेलियां थीं। हसीना के दोनों बच्चे सजीब वाजेद जॉय और साइमा वाजेद उर्फ पुतुल और शुभ्रा (प्रणब मुर्खजी की पत्नी) के तीनों बच्चे शर्मिष्ठा मुखर्जी, अभिजीत मुखर्जी और इंद्रजीत मुखर्जी एक साथ खेलते थे। वे इंडिया गेट लॉन में अधिकतर पिकनिक मनाने जाया करते थे।
सजीब वाजेद ने अपनी स्कूली शिक्षा भारत में ही पूरी की है। उन्होंने नैनीताल के सेंट जोसेफ कॉलेज और तमिलनाडु के पलानी हिल्स में कोडाईकनाल इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ाई की है। सजीब ने बैंगलोर विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान का अध्ययन किया, फिर अमेरिका में अर्लिंग्टन में टेक्सास विश्वविद्यालय में ट्रांसफर हो गए। यहां उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बीएससी की डिग्री हासिल की। वे एक कारोबारी हैं और साथ ही इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर सरकार के सलाहकार भी रहे हैं।
शेख हसीना की बेटी सायमा साइकोलॉजिस्ट और हेल्थ एक्टिविस्ट हैं। वे WHO के लिए काम करती हैं और दिल्ली में ही रहती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रों में काम करने के लिए उन्हें डायरेक्टर पद पद चुना गया था।वे दिल्ली के कार्यालय से 11 देशों में अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य कामों को देखती हैं।
Updated on:
08 Aug 2024 10:36 pm
Published on:
08 Aug 2024 10:24 pm
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