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बिहार राज्य विश्वविद्यालय नए शैक्षणिक वर्ष से शुरू करेंगे 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट कोर्स, देखें डिटेल्स

Bihar state universities: बिहार के विश्वविद्यालय इस साल नए शैक्षणिक सत्र से चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत 4 वर्षीय यूजी डिग्री कोर्स शुरू करेंगे। राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि बिहार के सभी राज्य विश्वविद्यालय इस साल आने वाले शैक्षणिक सत्र से चॉइस-बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेंगे।  

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Bihar state universities will start 4 year undergraduate course

Bihar state universities: बिहार के विश्वविद्यालय इस साल नए शैक्षणिक सत्र से चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत 4 वर्षीय यूजी डिग्री कोर्स शुरू करेंगे। राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि बिहार के सभी राज्य विश्वविद्यालय इस साल आने वाले शैक्षणिक सत्र से चॉइस-बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेंगे। आपको बता दे की वर्तमान में प्रदेश के अधिकतर महाविद्यालयों में तीन वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम वार्षिक पद्धति से चलाए जा रहे हैं। प्रदेश के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। इसमें कहा गया है कि गुरुवार की देर शाम तक चली इस बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों के लगभग सभी कुलपति और राज्य शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। आपको बता दे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा के बाद यह निर्णय लिया गया है।

राजभवन से जारी आधिकारिक सूचना

राजभवन की ओर से जारी आधिकारिक सूचना में कहा गया है की अगले शैक्षणिक सत्र से एक केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया होगी और सभी विश्वविद्यालय उसी का पालन करेंगे। नई प्रणाली के पहले वर्ष के लिए पाठ्यक्रम तय करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित की जाएगी। इसका मतलब अब सीबीसीएस और सेमेस्टर प्रणाली के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र (2023-27) से शुरू किए जाएंगे। सीबीएससी और सेमेस्टर सिस्टम के लागू होने के पहले साल में विश्वविद्यालय अपनी खुद की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेंगे।

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आपको बता दे कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने चार साल के स्नातक कार्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम संरचना तैयार की है और दिल्ली विश्वविद्यालय सहित कुछ विश्वविद्यालयों ने इसे पेश किया है। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार संशोधित पाठ्यक्रम पहले साल से ही कौशल विकास का प्रशिक्षण देगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीएससी के तहत स्नातक कार्यक्रमों को आठ सेमेस्टर में विभाजित किया जाएगा और छात्रों को दो सेमेस्टर का एक वर्ष पूरा करने के बाद प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

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