
Bihar Board Exam 2025
Board Exam 2025: बिहार शिक्षा से जुड़ी अहम खबर सामने आ रही है। बिहार में पांचवीं और आठवीं कक्षा के लगभग 25 लाख छात्रों की परीक्षाएं अब बोर्ड की तर्ज पर आयोजित की जाएंगी। दरअसल, अब "नो डिटेंशन पॉलिसी" को हटा दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर छात्र का खराब प्रदर्शन रहा, तो उसे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय की तरफ से हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
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पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को अब वार्षिक परीक्षाएं देनी होंगी। अगर वे इनमें फेल हो जाते हैं, तो उन्हें परिणाम घोषित होने के दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। पहले के नियमों के अनुसार, यह राज्य सरकार पर निर्भर करता था कि छात्र को पास किया जाए या फेल। लेकिन अब यह प्रक्रिया बदल गई है। इसे लागू करने के लिए स्कूलों में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, और शिक्षकों को नीतिगत रूप से पढ़ाने की हिदायत दी गई है।
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"नो डिटेंशन पॉलिसी" की बात करें तो इसका मतलब यह है कि किसी भी छात्र को आठवीं कक्षा तक फेल नहीं किया जाएगा, भले ही उसका प्रदर्शन कैसा भी हो। लेकिन अब इस नीति के हटने के बाद, पांचवीं से आठवीं कक्षा के छात्रों को वार्षिक परीक्षा में पास होना अनिवार्य होगा। अगर वे फेल होते हैं, तो उन्हें दो महीने के भीतर फिर से परीक्षा देकर अपने प्रदर्शन में सुधार का एक और मौका दिया जाएगा।
फेल हुए छात्रों के लिए फिर से आयोजित परीक्षा आयोजित होगी। अगर उसमें भी छात्र असफल होते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। साथ ही स्कूल फेल छात्रों पर नजर रखेगी और उनकी पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान दिया जाएगा। हालांकि, फेल होने के बावजूद, स्कूल छात्रों को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। इस नए नियम को छात्रों के हित से जोड़कर देखा जा रहा है।
Published on:
06 Jan 2025 01:11 pm
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