छात्रों ने दी है सीबीएसई के फैसले को चुनौती कुछ छात्रों ने 12वीं के छात्रों के लिए शारीरिक परीक्षा रद्द करने के सीबीएसई और सीआईएससीई (
CBSE and CISCI ) सहित अन्य राज्य सरकारों के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए शीर्ष अदालत ने सीबीएसई से याची की ओर से उठाए गए जटिल मुद्दों पर स्पष्टीकरण दाखिल करने को कहा है। शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई मंगलवार को दोपहर 2 बजे होगी। छात्रों का कहना है कि कोविड-19 महामारी के बीच भी 12वीं बोर्ड के एग्जाम कराए जा सकते हैं। छात्रों की ओर से दायर रिट याचिका में कहा गया कि सीबीएसई के नियमित छात्रों की तरह ही 12वीं के निजी/पत्राचार/दूसरा मौका कम्पार्टमेंट परीक्षा के अभ्यर्थी भी भारत और विदेशों में विभिन्न विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में प्रवेश पाने की इच्छा रहते हैं। लेकिन परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुकूल वातावरण होने तक उनकी परीक्षाओं में अगर अधिक देरी होती है तो वे न केवल इन विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में आवेदन करने और प्रवेश लेने का अवसर खो देंगे, बल्कि वे शिक्षा के अपने मौलिक अधिकार से भी वंचित रह जाएंगे।
ये है सीबीएसई का फार्मूला इससे पहले सीबीएसई ने 12वीं कक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने मूल्यांकन मानदंड पेश किया था। मूल्यांकन फार्मूले के तहत सीबीएसई ने कहा था कि कक्षा 10 और 11 के लिए टर्म परीक्षा में पांच पेपरों में से तीन में से सर्वश्रेष्ठ अंकों पर विचार किया जाएगा। कक्षा 12 के लिए यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में प्राप्त अंकों को ध्यान में रखा जाएगा। बोर्ड ने कहा कि कक्षा 12 के परिणाम तय करने के लिए कक्षा 10 और 11 के अंकों को 30—30 प्रतिशत वेटेज और कक्षा 12 के अंकों का वेटेज 40 फीसदी के आधार पर तय किए जाएंगे।
Web Title: CBSE 12th Results 2021 Hearing On Evaluation Criteria Will Be Held In Supreme Court Today