
CBSE बोर्ड एडमिशन विवाद! आर्थिक तंगी से 4 साल की फीस बकाया, आयोग ने दिलाया बच्चे को राहत(photo-patrika)
CBSE सिलेबस से जुड़ी एक जानकारी सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक CBSE (Central Board of Secondary Education) अब 11वीं कक्षा से साइंस, मैथ्स जैसे STEM विषयों को दो स्तरों, बेसिक और एडवांस पर पढ़ाने की योजना बना रहा है। यह प्रक्रिया 2026-27 सत्र से शुरू की जा सकती है। फिलहाल 10वीं में मैथ्स को दो स्तरों (स्टैंडर्ड और बेसिक) में पढ़ाया जा रहा है, जिसमें दोनों पेपर एक ही सिलेबस पर आधारित होते हैं लेकिन बेसिक स्तर का पेपर थोड़ा आसान होता है। CBSE की गवर्निंग बॉडी ने दिसंबर 2024 में साइंस और सोशल साइंस को भी दो स्तरों पर पढ़ाने का फैसला लिया था। यह बदलाव 2026-27 शैक्षणिक सत्र से 9वीं कक्षा से शुरू होगा। इसके बाद छात्रों को 9वीं और 10वीं में गणित, साइंस और सोशल साइंस, तीनों विषयों में बेसिक या एडवांस में से किसी एक स्तर को चुनने का विकल्प मिलेगा।
अब CBSE इस मॉडल को 11वीं और 12वीं तक बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। शुरुआत 2026-27 से 11वीं कक्षा से होगी। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि NCERT की नई किताबें कब तक आ जाती हैं और वे दो स्तरों की पढ़ाई के हिसाब से कैसे तैयार होती हैं।
अब तक NCERT ने नई शिक्षा नीति (NEP 2020) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा(National Curriculum Framework, NCFSE 2023) के अनुसार कक्षा 1 से 4 और 6-7 की किताबें जारी कर दी हैं। कक्षा 5 और 8 की किताबें इस साल आएंगी, जबकि कक्षा 9 से 12 की किताबें अगले शैक्षणिक सत्रों में आने की उम्मीद है। NCERT ने 9वीं और 11वीं की किताबें तैयार करने के लिए टीम बना दी है, जो इस साल के अंत तक किताबें ला सकती हैं।
CBSE के अनुसार, दो स्तरों पर विषय पढ़ाने से छात्रों को अपनी रुचि और भविष्य की योजना के अनुसार विषय का चुनाव करने की सुविधा मिलेगी। इससे उनका पढ़ाई में मन लगेगा और तनाव भी कम होगा। जो छात्र मेडिकल, इंजीनियरिंग या अन्य STEM क्षेत्र में जाना चाहते हैं, वे साइंस का एडवांस लेवल चुन सकते हैं। वहीं सोशल साइंस में रुचि रखने वाले छात्र एडवांस स्तर पर इतिहास, भूगोल और अर्थव्यवस्था को गहराई से समझ सकेंगे।
उदाहरण के लिए, अगर कोई छात्र आगे गणित नहीं पढ़ना चाहता, तो वह 11वीं में इसका बेसिक लेवल चुन सकता है। वहीं अगर वह फिजिक्स में आगे पढ़ाई करना चाहता है, तो फिजिक्स को एडवांस लेवल में चुन सकता है। छात्र विषय के स्तर को अपनी योजना के अनुसार मिला-जुलाकर चुन सकेंगे।
पिछले साल CBSE ने कुछ निजी स्कूलों में 9वीं कक्षा के छात्रों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस के एडवांस स्तर का विकल्प दिया था। इसके बाद छात्रों ने एडवांस स्तर में रुचि दिखाई थी। अब बोर्ड यह भी सोच रहा है कि एडवांस लेवल लेने वाले छात्रों के बोर्ड रिजल्ट में इसे कैसे दिखाया जाए। इसके लिए संभावना है कि परीक्षा में एक अलग से सेक्शन दिया जाएगा, जिसमें एडवांस लेवल के अतिरिक्त प्रश्न होंगे।
Published on:
20 Jul 2025 10:37 am
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