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CBSE New Guidelines: एक सेक्शन में नहीं होंगे 40 से ज्यादा छात्र, इन खास परिस्थितियों में मिलेगी 45 तक की छूट, जानें डिटेल्स

CBSE ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में एक सेक्शन में 45 से अधिक छात्रों को दाखिला नहीं दिया जा सकता। बोर्ड का कहना है कि यह नियम शिक्षण गुणवत्ता बनाए रखने और भीड़भाड़ से बचने के लिए बेहद जरूरी है।

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भारत

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Anurag Animesh

Jul 25, 2025

CBSE Releases New Guidelines

CBSE Releases New Guidelines

CBSE ने स्कूलों और छात्रों के लिए एक अहम गाइडलाइन जारी किया है। Central Board of Secondary Education(CBSE) ने स्कूलों के लिए एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि कक्षा 1 से 12 तक प्रत्येक सेक्शन में छात्रों की अधिकतम संख्या 40 होनी चाहिए। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में यह सीमा 45 तक बढ़ाई जा सकती है। बोर्ड ने यह कदम कक्षाओं में पढ़ाई की गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया है। CBSE ने स्पष्ट किया है कि आदर्श स्थिति में एक सेक्शन में केवल 40 छात्र ही होने चाहिए। इससे न केवल पढ़ाई का वातावरण बेहतर होता है बल्कि शिक्षकों को हर छात्र पर व्यक्तिगत ध्यान देने में भी सुविधा होती है। हालांकि, कई स्कूलों ने मांग की थी कि उन्हें कुछ खास मामलों में अधिक छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी जाए, जिस पर CBSE ने सीमित छूट देने का निर्णय लिया है।

CBSE New Guidelines: कब मिल सकती है 45 छात्रों की अनुमति?

CBSE ने कुछ खास स्थितियों में सेक्शन में 45 छात्रों तक की छूट देने की बात कही है। वो खास परिस्थिति निचे दिए गए हैं।

माता-पिता का ट्रांसफर: खासतौर पर सरकारी, रक्षा, सार्वजनिक उपक्रम या निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के स्थानांतरण के कारण बच्चों को नए स्कूल में प्रवेश की आवश्यकता हो सकती है।
रिपीट वर्ष के छात्र: जो छात्र किसी कारणवश उसी कक्षा में पुनः प रहे हैं।
गंभीर बीमारी से प्रभावित छात्र: जिनकी शिक्षा स्वास्थ्य संबंधी कारणों से बाधित हुई है।
हॉस्टल से डे-स्कॉलर बनने वाले छात्र: जिन्हें रहने की व्यवस्था में बदलाव के कारण स्कूल बदलना पड़ रहा है।
शैक्षणिक सुधार के इच्छुक छात्र: जो अपनी पढ़ाई सुधारने के उद्देश्य से दोबारा उसी कक्षा में दाखिला लेना चाहते हैं, बशर्ते अन्य कोई विकल्प न हो।

CBSE New Guidelines: स्कूलों के लिए अनिवार्य प्रक्रियाएं

यदि कोई स्कूल 40 से अधिक छात्रों को प्रवेश देना चाहता है, तो उन्हें निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।

कक्षा 9 से 12: अतिरिक्त छात्रों के एडमिशन का कारण CBSE पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। साथ ही, स्कूल के एडमिशन व विदड्रॉल रजिस्टर में इसका उल्लेख होना चाहिए।
कक्षा 1 से 8: कारण केवल रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा, लेकिन संबंधित जानकारी CBSE के OASIS पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
क्षेत्रीय कार्यालय की अनुमति: सेशन के दौरान ट्रांसफर या रिपीट कैटेगरी के छात्रों को दाखिला देने से पहले CBSE के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से अनुमति लेनी होगी।

CBSE: सीमा से अधिक प्रवेश नहीं

CBSE ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में एक सेक्शन में 45 से अधिक छात्रों को दाखिला नहीं दिया जा सकता। बोर्ड का कहना है कि यह नियम शिक्षण गुणवत्ता बनाए रखने और भीड़भाड़ से बचने के लिए बेहद जरूरी है। यदि कोई स्कूल 45 छात्रों तक का सेक्शन बनाता है, तो उसे कुछ न्यूनतम भौतिक सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी। CBSE की एफिलिएशन उपनियम 2018 के क्लॉज 4.8 के तहत, कक्षा-कक्ष का न्यूनतम आकार 500 वर्ग फुट होना चाहिए। साथ ही प्रत्येक छात्र के लिए कम से कम 1 वर्ग मीटर स्थान उपलब्ध होना चाहिए। CBSE ने स्कूलों को यह भी सुझाव दिया है कि वे भविष्य में 40 छात्रों की सीमा को लागू करने के लिए अपने ढांचे को तैयार करें, जिसमें नए कक्षा-कक्षों का निर्माण या मौजूदा संरचना का विस्तार शामिल हो सकता है।


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