
CBSE Migration Certificate rule(Image-Freepik)
CBSE छात्रों के लिए बोर्ड एक अहम अपडेट लेकर आई है। अब माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए अलग से अप्लाई नहीं करना होगा। बल्कि सर्टिफिकेट की सॉफ्ट कॉपी अलग से मिल जाएगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए माइग्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब छात्रों को यह सर्टिफिकेट सीधे डिजिलॉकर (DigiLocker) के माध्यम से मिल सकेगा। साथ ही बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी अब छात्रों को नहीं दी जाएगी। यह नियम 2025 से 10वीं और 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों पर लागू होगा।
CBSE के अनुसार, माइग्रेशन सर्टिफिकेट सीधे छात्रों के डिजिलॉकर अकाउंट में अपलोड किया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। इससे पहले की बात करें तो छात्रों को सर्टिफिकेट के लिए अलग से अप्लाई करना होता था। जिससे अब छात्रों को निजात मिलेगी। अब नई व्यवस्था से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि डुप्लीकेट सर्टिफिकेट की समस्या भी समाप्त हो जाएगी।
हालांकि किसी छात्र को अगर हार्ड कॉपी की जरुरत पड़ती है तो उसके लिए भी व्यवस्था की गई है। बोर्ड ने यह भी कहा है कि यदि किसी कारणवश छात्र को हार्ड कॉपी की आवश्यकता पड़ती है, तो वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbseit.in/cbse/web/dads/ पर जाकर आवेदन करना होगा। बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में कक्षा 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए 17,04,367 विद्यार्थियों में से अब तक 38,386 छात्रों ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी के लिए आवेदन किया है।
माइग्रेशन सर्टिफिकेट एक महत्वपूर्ण एकेडेमिक डाक्यूमेंट्स होता है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि छात्र ने अपनी पिछली शिक्षा सफलतापूर्वक पूरी कर ली है और वह आगे किसी अन्य संस्थान या बोर्ड में दाखिला लेने के योग्य है। यह डॉक्यूमेंट विशेष रूप से तब जरुरी होता है जब विद्यार्थी किसी अन्य यूनिवर्सिटी या शिक्षा बोर्ड में माइग्रेट कर रहा होता है। इस बदलाव से सीबीएसई के लाखों छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी।
Published on:
17 Oct 2025 10:48 am
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