
राज्यपाल का सुझाव : कॉलेज में छात्राओं को मिले प्रेग्नेंसी एजुकेशन
अब कॉलेज की छात्राओं को प्रेग्नेंसी की शिक्षा दी जा सकती है। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल व विश्वविद्यालय की कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बेटियों के वर्तमान में कुपोषण पर चिंता जताते हुए उनका कई तरह से विकास किए जाने के बारे मे सुझाव दिए हैं। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में पढ़ने वाली बेटियों की सेहत की जांच करवाने व किसी प्रकार की कमी पाई जाने पर उन्हें सुझाव भी देने, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी देने की बात कही है जिससें वो अच्छी मां बन सके और भविष्य में स्वस्थ बच्चों को जन्म दे सके।
शोध और महत्व के बारे में दी जाए जानकारी
राज्यपाल ने इसके अलावा छात्राओं को संगीत का गर्भावस्था के दौरान प्रभाव, गर्भ संस्कार आदि विषयों पर शोध करके उसके महत्व के बारे बताकर समाज को जानकारी प्रदान करने के लिए भी कहा है। छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय समन्वय समिति की बैठक में राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा मुहैया कराने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालयों के नैक एक्रेडिटेशन मूल्यांकन में सुधार लाने के लिए सुझाव देने विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा।
विश्वविद्यालय सामाजिक परिवर्तन के संवाहक बनने का कार्य करें
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय सामाजिक परिवर्तन के संवाहक बनने का कार्य करें तथा साथ ही समाज में फैली हुई कुप्रथाओं और कुरीतियों को दूर करने की दिशा में भी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अगले 2 सालों के लिए इस प्रकार की रणनीति तैयार करें जिससें नैक मूल्यांकन में 'ए प्लस' ग्रेड मिले। साथ ही विश्वविद्यालयों द्वारा जो भी शोध किये जाते हैं उनके परिणाम सरकार को बताएं ताकि उनके दम पर आम जनता के हित में काम किए जा सकें। राज्यपाल ने यह भी कहा कि विद्यार्थियों के लिए लघु अवधि के वोकेशनल पाठ्यक्रम शुरू किये जाएं जिससें वो आत्मनिर्भर बन सकें।
Published on:
14 Sept 2018 02:59 pm
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