
Success Story IPS Charu Nigam: कड़क मिजाज के आईपीएस और आईएएस की कहानी तो आप खूब सुनते होंगे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला आईपीएस के बारे में बताएंगे, जिन्हें कैमरे पर कई बार रोते हुए देखा गया है। हम बात कर रहे हैं आईपीएस अधिकारी चारू निगम की जो अपने संवेदनशील स्वभाव और भावुक मिजाज के कारण जानी जाती हैं। हाल ही में योगी सरकार (Yogi Government) ने जिन 17 IPS अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट जारी की थी, उनमें से एक चारू निगम भी हैं।
चारु उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वाली हैं। उनका पूरा परिवार आगरा में रहता था। लेकिन पिता की नौकरी एमएस निगम की दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) में लगने के बाद परिवार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली शिफ्ट हो गया। ऐसे में चारू की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई। उन्होंने गणित और कंप्यूटिंग में बीटेक किया है। बीटेक करने के बाद चारू ने नौकरी न करते हुए सिविल सेवा में जाने का मन बनाया। चारू के पिता भी चाहते थे कि वे आईएएस या आईपीएस बनें, उन्होंने हर तरह से अपनी बेटी को सपोर्ट किया। बहुत सारे कैंडिडेट की तरह चारू को पहली बार में सफलता नहीं मिली। उन्होंने वर्ष 2010 में यूपीएससी सीएसई की परीक्षा दी थी, लेकिन उनका सेलेक्शन (Success Story Of IPS Charu Nigam) 2013 में हुआ।
अपने एक इंटरव्यू में चारू ने बताया था कि वह बचपन से ही काफी हंसमुख थीं। यही कारण है कि उन्हें स्कूल और यहां तक की कॉलेज में भी डांट सुननी पड़ती थी। यही नहीं कई बार उन्हें इस चीज की सजा मिलती थी। हालांकि, चारू के घरवालों ने कभी भी उनपर पढ़ाई का प्रेशर नहीं बनाया।
2014 के बैच की IPS अधिकारी चारू निगम की पहली पोस्टिंग झांसी में हुई थी, इसके बाद वह कुछ समय के लिए गोरखपुर में रहीं। फिलहाल वो औरेया में एसपी के पोस्ट पर थीं। लेकिन 11 सितंबर को योगी सरकार ने 17 आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर की लिस्ट जारी की है। इसमें चारू का भी नाम आया है। उन्हें 47वें वाहिनी पीएसी गाजियाबाद का सेनानायक बनाया गया है। ट्रांसफर लिस्ट आने के बाद वे एक वृद्धाश्रम पहुंचीं। वहां रह रहें बुजुर्गों ने उनको विदाई दी। इस दौरान IPS चारू अपनी भावनाओं को छुपा नहीं पाईं और रो पड़ीं। सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा एक वीडियो वायरल (Viral Video) होने के बाद उनकी काफी चर्चा हो रही है।
चारू निगम पहली बार चर्चा में तब आईं जब वे 2017 में गोरखपुर में बतौर एसएसपी तैनात थीं। इस दौरान शराब की दुकान बंद कराने को लेकर तत्कालीन भाजपा विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल से उनकी तीखी बहस हुई, जिसका वीडियो भी काफी वायरल हुआ था। लोगों ने उस समय चारू का समर्थन किया था।
वहीं एक चर्चित घटना गोरखपुर की है। दरअसल, मझगांवा गांव की रहने वाली एक महिला को मेडिकल कॉलेज में प्रसूति विभाग में भर्ती कराया गया। उनकी देखभाल के लिए ननद अपने आठ महीने के बेटे राजीव को लेकर आई थी। अगली सुबह बच्चा मेडिकल कॉलेज से गायब हो गया। एएसएसपी चारू निगम के नेतृत्व में पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए राजीव को 36 घंटे के भीतर खोज निकाला। इस घटना के बाद चारू निगम की काफी तारीफ हुई।
Updated on:
15 Sept 2024 08:35 am
Published on:
14 Sept 2024 10:06 am
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