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पत्रिका पाठकों ने बताया, पढ़ने की आदत से बढ़ा आत्मविश्वास

पढ़ने की आदत को लेकर हमारी पत्रिका ने एक रैंडम सैंपल सर्वे किया, जिसमें पाठकों ने उत्साहपूर्वक अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। लोगों ने बताया कि पढ़ने की आदत ने उनके जीवन में क्या बदलाव लाए।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

Sep 06, 2025

Patrika Readers

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पढ़ने की आदत को लेकर हमारी पत्रिका ने एक रैंडम सैंपल सर्वे किया, जिसमें पाठकों ने उत्साहपूर्वक अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। लोगों ने बताया कि पढ़ने की आदत ने उनके जीवन में क्या बदलाव लाए। कुछ प्रेरक प्रतिक्रियाएं पाठकों की तस्वीरों सहित प्रकाशित कर रहे हैं और कुछ प्रतिक्रियाओं को आप हमारे ई-प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं। हमें विश्वास है कि ये अनुभव नए पाठकों को भी पढ़ने की ओर प्रेरित करेंगे।

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पत्रिका पर मेरा पूरा भरोसा है क्योंकि यह समाज की समस्याओं को प्रमाण सहित उजागर कर समाधान दिलाता है। परिवार परिशिष्ट और विनिंग हैबिट्स जैसे नवाचार मुझे बेहद पसंद हैं। - मंजू यादव (गृहणी)

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पत्रिका पढ़ना ज्ञान, भाषा कौशल और व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत उपयोगी आदत है। यह न केवल समसामयिक घटनाओं से परिचित कराती है बल्कि सोच और दृष्टिकोण को भी विस्तृत करती है। - महेश प्रजापति (स्टूडेंट)

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MeNext के करियर गाइड और पहेलियां तथा परिवार पन्ने की कहानियां और विज्ञान सामग्री मुझे बेहद पसंद हैं।

- गुलशन कुशवाहा (स्टूडेंट)

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नियमित पढ़ने की आदत से मन, सोच और दैनिक कार्यों में बदलाव आता है, साथ ही परिवार, शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षा और खेल समाचारों में भी मदद मिलती है - शांति लाल मेघवाल (स्टूडेंट)

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प्रतिदिन निष्पक्ष और सटीक नई जानकारी प्राप्त होती है- प्रदीप जैन (बिजनेसमैन)

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अख़बार पढ़ना मुझे प्रेरणा, अपडेट और आत्मबल देता है, जिसने मुझे किताब लिखने तक मज़बूत बनाया।

- डॉ दीपिका झंवर (प्रोफेशनल)

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अख़बार से विश्व समाचार, करियर–जॉब्स व लर्निंग की अहम जानकारी मिलती है और मैं बिज़नेस पृष्ठ में निवेश संबंधी विषयों में खास रुचि लेता हूं। - राहुल भारतीय (नौकरीपेशा)

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मैं दिन की शुरुआत पत्रिका पढ़कर करता हूं, जिससे देश-दुनिया और आसपास की खबरों से अपडेट रहता हूं।

-जीवन गोलियां (रिटायर्ड)

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पत्रिका पढ़ने की आदत ज्ञान, जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ाकर व्यक्तित्व को मजबूती देती है—यही आदत मेरी सफलता की सबसे बड़ी साथी रही है। - नौकरीपेशा

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सुबह पत्रिका पढ़ने से दिन की अच्छी शुरुआत होती है, ज्ञान बढ़ता है और संपादक पृष्ठ जीवन को नई दिशा देता है।

- तनीषा शर्मा (स्टूडेंट)

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पत्रिका पढ़ना अब मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है—यह दिनभर की जानकारी, शब्दावली और सोच को समृद्ध करता है। संपादकीय लेख, कहानियाँ, पहेलियाँ और विशेष पन्ने न सिर्फ ज्ञान देते हैं बल्कि आध्यात्मिकता और नई प्रेरणा भी जगाते हैं।

- अरविन्द चौधरी

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मैं राजस्थान पत्रिका पिछले 35 वर्षों से लगातार पढ़ रहा हूँ। निस्संदेह इससे ज्ञान का स्तर, आत्मविश्वास और जागरूकता बढ़ी है।”- योगेंद्र कुमार जैन (नौकरीपेशा)

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पत्रिका पढ़ने से न केवल देश-दुनिया की ताज़ा घटनाओं और विवादों की जानकारी मिलती है, बल्कि जीवन जीने की सीख भी प्राप्त होती है। यह आदत स्मरण शक्ति को मज़बूत करती है और मनोरंजन प्रधान इस युग में पाठकों को आध्यात्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों का ऐसा ज्ञान देती है, जिसे दूसरों के साथ बाँटा जा सके। - तनु शर्मा (स्टूडेंट)

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मैं वर्ष 1993 से, जब मैं कक्षा दसवीं में अध्ययनरत था, तब से ही राजस्थान पत्रिका का नियमित पाठक हूँ। पत्रिका की ख़बरें सौ फ़ीसदी सही और सटीक होती हैं, जिन पर अविश्वास का कोई आधार आज तक मुझे न दिखा और न ही सुना। पत्रिका के ‘पाठकपीठ’ के माध्यम से मैंने समसामयिक विषयों पर लिखना सीखा और आज कई अख़बारों में मेरे विचार प्रकाशित होते हैं। पत्रिका की मुखर आवाज़ ने सदैव जन समस्याओं को सरकार तक पहुँचाकर जनता और शासन के बीच एक मज़बूत सेतु का कार्य किया है। - शैलेन्द्र कुमार टेलर (नौकरीपेशा)

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“मैंने वर्ष 2016 से आरएएस की तैयारी शुरू की थी और तभी से प्रतिदिन ‘पत्रिका’ पढ़ना मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन गया, जो आज भी जारी है। अच्छा कंटेंट पढ़ने से न केवल देश–विदेश की घटनाओं और संबंधों की जानकारी मिलती है, बल्कि तार्किक सोच भी विकसित होती है। यही कारण है कि अब कोई मुझे आसानी से गुमराह नहीं कर सकता। मेरे लिए पढ़ना उतना ही आवश्यक है जितना जीना, क्योंकि यही आदत मुझे दुनिया को समझने और जानने का अवसर देती है। -हिम्मत राम हटेला (प्रोफेशनल)

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सर्वे में 21 से 30 वर्ष के युवाओं की भागीदारी 26.1 फीसदी दर्ज की गई है। जो कि एक अच्छी पहल है। ‘विनिंग हैबिट्स’ का उद्देश्य पाठकों को यह समझाना है कि नियमित पढऩे की आदत जीवन में सफलता और आत्मविकास की कुंजी है।