
ऐसा करेंगे आप तो नहीं मायूस रहेगा आपका बच्चा
बच्चों को मजबूत बनाएं उनकी कमजोरी न गिनाएं च्चों के रहन सहन से लेकर खानपान और पढ़ाई लिखाई को लेकर हर अभिभावक उसपर नजर रखते हैं। पर अधिकतर अभिभावकों की नजर बच्चों की अच्छाई पर नहीं जाती और उसकी कमी को लेकर उसे डांटते फटकारते रहते हैं।
अभिभावक बच्चों का रिजल्ट लेने स्कूल जाते हैं तो रिजल्ट में उसे चार ए-प्लस मिले हैं उन्हें वो नहीं दिखता पर जिस विषय में डी- मिला है उसपर सबसे पहले नजर जाती है। इसमें चौंकने की बात नहीं है। इंसान को कमियां निकालने की खूबी उसके पूर्वजों से मिली है। ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न की पॉजीटिव साइकोलॉजी की प्रोफेसर ली वार्टस ने अपनी नई किताब ‘द स्टें्रथ स्विच’ में अभिभावकों के लिए लिखा है कि कैसे हम बच्चों की नकारात्मक बातों को भुलाकर उसे मजबूत बना सकते हैं। इसके लिए बच्चों की क्षमता, उसकी विशेषता, कौशल और प्रतिभा पर अधिक ध्यान देना होगा जिससे उनका बेहतर विकास संभव है।
बच्चा जिस चीज में कमजोर है पहले उसे मजबूत बनाएं सीधे उसकी कमजोरी के बारे में बात न करें। बच्चे की आदतों के बारे में जानकारी के लिए उसकी निगरानी करना अच्छी बात है। बच्चों की कमियां दूर करने के लिए उससे बात करें उसे मजबूत बनाएं। बच्चे की किसी बात को बिना सोचे समझें नजरअंदाज न करें। ऐसा करने से उसका मनोबल कमजोर होगा और इसका सीधा असर उसकी पढ़ाई लिखाई और दैनिक जीवन पर पड़ेगा। कई बार इस वजह से बच्चा हर समय मायूस और गुमसुम रहने लगता है।
ऐसी स्थिति से बचाव के लिए बच्चे के दोस्त बनें जिससे उसे आपका पूरा साथ मिल सके। बच्चों का व्यवहार अच्छा नहीं है तो सबसे पहले उसे उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के बारे में बताएं। बच्चा खुद ब खुद आपसे वे सवाल पूछेगा जो उसके भीतर चल रहे होंगे। आपका सहयोग ही बच्चे को मजबूत बनाएगा। जिस दिन से आप ऐसा करेंगे आपका बच्चा हमेशा खुश रहेगा और अपनी हर बात या परेशानी आपके साथ साझा करेगा।
Published on:
13 Sept 2018 08:06 pm
बड़ी खबरें
View Allशिक्षा
ट्रेंडिंग
