26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्या MBA और PGDM दो अलग कोर्स हैं? जानिए मैनेजमेंट में करियर बनाने के लिए कौन सा बेहतर

Difference Between MBA And PGDM: कई लोगों को MBA और PGDM के बीच काफी कंफ्यूजन है। ऐसे तो ये दोनों ही कोर्स प्रबंधन और व्यवसाय से जुड़े हैं। लेकिन दोनों का तरीका अलग है। 

2 min read
Google source verification
Difference between MBA And PGDM

Difference Between MBA And PGDM: 12वीं और ग्रेजुएशन के बाद अच्छी सैलरी और ढंग की नौकरी के लिए हर छात्र मैनेजमेंट की पढ़ाई करना चाहते हैं। ऐसे तो मैनेजमेंट के लिए एक पॉपलुर कोर्स है MBA। लेकिन हाल ही में मैनेजमेंट से जुड़े एक और कोर्स की काफी चर्चा हो रही है, जो है PGDM। जहां एक तरफ कई लोगों को इस कोर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो वहीं दूसरी ओर कई लोगों को MBA और PGDM के बीच काफी कंफ्यूजन है। ऐसे तो ये दोनों ही कोर्स प्रबंधन और व्यवसाय से जुड़े हैं। लेकिन दोनों का तरीका अलग है।

क्या है एमबीए और पीजीडीएम कोर्स (Difference Between MBA And PGDM)

एमबीए एक डिग्री कोर्स है जिसकी पढ़ाई विश्वविद्यालय की ओर से कराई जाती है। ये कोर्स UGC से संबद्ध है जबकि PGDM एक डिप्लोमा कोर्स है जो निजी व्यावसायिक संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है। PGDM को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट भी कहा जाता है। MBA सैद्धांतिक दृष्टिकोण से काफी बेहतर कोर्स है। वहीं व्यावहारिक दृष्टीकोण से PGDM कोर्स काफी बेहतर माना जाता है।

यह भी पढ़ें- आज JEE Main 2025 के फॉर्म में सुधार करने का आखिरी मौका, यहां देखें प्रोसेस

दोनों कोर्स का पाठ्यक्रम 

एमबीए का पाठ्यक्रम यूजीसी द्वारा निर्धारित किया जाता है। ऐसे में विभिन्न विश्वविद्यालय के MBA Course के सिलेबस में समानता होती है। वहीं पीजीडीएम की बात करें तो इसके पाठ्यक्रम में विभिन्नता होती है। ये हर कॉलेज में अलग-अलग होता है। 

फीस में भी है अंतर 

MBA की फीस PGDM के मुकाबले कम होती है। सरकारी विश्वविद्यालयों को सरकार से सहायता मिलती है इसलिए छात्रों को कम फीस देनी पड़ती है। हालांकि, यदि आप निजी कॉलेज से MBA कर रहे हैं तो आपको फीस के तौर पर मोटी रकम देनी पड़ सकती है। वहीं पीजीडीएम कोर्स की फीस काफी ज्यादा होती है। 

कितने समय का होता है दोनों कोर्स 

दोनों तरह के कोर्स 2 वर्ष के होते हैं। लेकिन MBA में सेमेस्टर पैटर्न का पालन होता है जबकि PGDM त्रैमासिक पैटर्न का पालन करता है।

यह भी पढ़ें- ‘छुक छुक करती रेल चली’…क्या बहुत आसान है रेलगाड़ी चलाना? जानिए कैसे होता है लोको पायलट का चयन

दोनों कोर्स में करियर ऑप्शन (Career Options In MBA And PGDM) 


MBA

  • एचआर मैनेजर 
  • बिजनेस एनालिस्ट 
  • मार्केटिंग मैनेजर 
  • फाइनेंस एडवाइजर 
  • इन्वेस्टमेंट बैंकर 

PGDM

  • प्रोजेक्ट मैनेजर 
  • डाटा साइंटिस्ट 
  • ऑडिटर 
  • टैक्स स्पेशलिस्ट 
  • कंसल्टेंट 

PGDM वालों को मिलता है ज्यादा वेतन 

एमबीए की तुलना में पीजीडीएम (PGDM Salary) वालों को अधिक वेतन मिलता है। एमबीए करने वालों को शुरुआती वेतन के तौर पर 7-10 लाख रुपये मिलते हैं। वहीं पीजीडीएम करने वालों की शुरुआती 12-15 लाख रुपये प्रति वर्ष रहता है। हालांकि, सैलरी संस्थान, काम करने के लोकेशन और कैंडिडेट की क्षमता पर निर्भर करता है।