नायडू ने यह भी कहा कि आईआईटी दिल्ली ने कोरोना संकट के दौरान सबसे सस्ता जांच किट, वेंटिलेटर, पीपी सैनिटाइजर आदि बनाकर उसने विशेष योगदान दिया है। आज देश में शोध अनुसंधान तथा नवाचार की सबसे अधिक जरूरत है क्योंकि शैक्षिक संस्थानों का दायित्व बनता है कि वह समाज को कुछ दें और लोगों की समस्याओं का हल निकाले तथा उनका जीवन खुशहाल बनाएं। इसके लिए जरूरी है कि हमारे देश के उद्योग जगत आगे आए और शोध अनुसंधान क्षेत्र में काम करें और धन मुहैया कराएं।
नायडू ने फिक्की सीआईआई और एसोचैम से भी अनुरोध किया कि वह इस कार्य में हाथ बढ़ाएं और एकेडमिक जगत से साझेदारी करें। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Education Minister Ramesh Nishank Pokhriyal ) ने कहा कि आईआईटी दिल्ली देश के ही शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग में नही बल्कि वह एक ब्रांड भी बन गया है। यहां 54 प्रतिशत पीएचडी और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं हैं तथा कोविड-19 करीब 40 लाख बीपी किट की आपूर्ति की है कोरोन की सबसे सस्ती जांच किट भी बनाई है, वेंटीलेटर भी बनाए हैं।