
milk to school students
राज्य सरकार अपने स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को पोषण के लिए मिड-डे मिल में खाने के साथ २ जुलाई से दूध भी पिलाएगी। यह दूध स्कूल स्तर पर ही खरीदा जाएगा और प्रार्थना सभा के तुरन्त बाद पिलाया जाएगा। योजना के अनुसार दूध सप्ताह में ३ दिन वितरित किया जाएगा। हालांकि यह नामांकित बच्चों के हिसाब से खरीदा जाएगा या उपस्थिति के हिसाब से, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन बच्चों के आने से पहले डेयरी बूथों से खरीदना होगा। शिक्षकों का मानना है कि दूध वितरण में ४०-४५ मिनट का समय तो लगेगा। ऐसे में सप्ताह में ३ दिन सुबह का पहला कालांश नहीं लग सकेगा। बच्चों को स्कूल तो आने के लिए प्रेरित करने और उनके पोषण का पूरा ध्यान रखने का जिम्मा उठाते हुए राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने यह कदम उठाया है। उम्मीद की जा रही है कि इससे स्कूलों में स्टूडेंट्स की हाजरी बढ़ेगी।
कितने बच्चे, इस पर संशय!
६६,५०६ सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के ६२ लाख बच्चों को दूध दिया जाएगा, सरकार के दावे के अनुसार
७७.३१ लाख बच्चे ही हैं सरकारी स्कूलों में कुल, विभाग के शाला दर्शन व शाला दर्पण पोर्टल के अनुसार
६२ लाख बच्चे पहली से ८वीं कक्षा के बता रही है सरकार, यानी ९ से १२ वीं तक केवल १५.३१ लाख छात्र-छात्राएं हैं
केंद्रीयकृत रसोई से नहीं होगा वितरण
जयपुर सहित जोधपुर, नाथद्वारा, अजमेर, अलवर में मिड-डे मिल योजना में बच्चों को केंद्रीयकृत रसोइयों से खाना पहुंचाया जा रहा है। लेकिन दूध इनसे सप्लाई नहीं होगा। यह छोटे-बड़े हर स्कूल के स्तर पर ही खरीदकर व गर्म कर बच्चों को दिया जाएगा।
कितना देंगे दूध
०१ से 5 कक्षा तक के विद्यार्थियों को दिया जाएगा 150 एमएल दूध
6 से 8 कक्षा तक के विद्यार्थियों को देंगे 200 एमएल दूध
(शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में सोम, बुध व शुक्रवार को दूध दिया जाएगा)
Published on:
25 Jun 2018 10:05 am
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