
Gujarat School Guidelines: गुजरात शिक्षा विभाग ने छात्रों को टूर पर ले जाने के लिए सभी स्कूलों के लिए गाइडलाइंस जारी किए हैं। इस गाइडलाइंस के अनुसार, यदि स्कूल बच्चों को टूर पर ले जाना चाहते हैं तो उन्हें इसके बारे में अभिभावकों को जानकारी देनी होगी। यही नहीं एक समिति बनाकर टूर की जानकारी जिला शिक्षाधिकारी, शासनाधिकार और जिला प्राथमिक शिक्षाधिकारी को देनी होगी। साथ ही टूर में शामिल होने के लिए किसी भी छात्र को मजबूर नहीं किया जाएगा। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने ये आदेश जारी किया है।
दरअसल, कुछ महीने पहले हरणी झील (Harni Jheel Incident) में एक टूर के दौरान 14 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें दो शिक्षक और 12 बच्चे शामिल थे। नाव पर स्कूल के बच्चों को बिना लाइफ जैकेट ही बैठाया गया था। इस दुर्घटना के बाद गुजरात शिक्षा विभाग (Gujarat Education Department) की ओर से स्कूल की ओर से बच्चों को टूर पर ले जाने की मनाही हो गई थी।
स्कूल मैनेजमेंट को छात्रों को टूर पर ले जाने से पहले कई बातों का विशेष ध्यान रखना होगा। इसमें वाहन और वाहन चलाने वाले की जांच सबसे अहम है। वाहन को स्पीड लिमिट के हिसाब से चलाना होगा। टूर में इस्तेमाल होने वाले वाहन में फायर सेफ्टी होना जरूरी है। इसके इस्तेमाल की जानकारी भी होनी चाहिए, स्टाफ और छात्र इससे अवगत होने चाहिए।
स्कूल मैनेजमेंट को निर्देश दिया गया है कि वे बाढ़, शीतलहर, भूकंप, असाधारण ठंड/गर्मी, आंधी की चेतावनी आदि को ध्यान में लेकर टूर का आयोजन करें। टूर के दौरान जलाशयों में बोटिंग और राइडिंग को टालना होगा। इसी तरह टूर में एडवेंचर राइड, कैंप से दूरी बनाना आवश्यक है। बोटिंग या राइडिंग करनी है तो क्षमता से ज्यादा का समावेश नहीं होना चाहिए। लाइफ जैकेट के साथ, एक ग्रुप के साथ एक शिक्षक सुनिश्चित करना जरूरी है। रात्रि के दौरान सेफ जगह का चयन करके रात 10 बजे तक पहुंचना होगा। नाइट आउट के लिए भी सेफ प्लेस होनी चाहिए और खाने का पूरा इंतजाम होना चाहिए।
अगर टूर का आयोजन देश के बाहर में हो तो गांधीनगर स्थित शिक्षा विभाग को टूर के 15 दिन पहले जानकारी देनी होगी। टूर की जानकारी प्रतिदिन के हिसाब से देनी होगी। ऐसे छात्र जो टूर में शामिल होने जा रहे हैं उनके अभिभावक के साथ मीटिंग करके उन्हें टूर की जानकारी देकर सहमति प्राप्त करना आवश्यक है। अगर अभिभावक मीटिंग में ना आ सकें तो उनसे लिखित में सहमति हासिल करनी होगी। स्कूल का कोई भी टूर वैकल्पिक होगा, छात्र या अभिभावक पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जा सकता। बीमार या किसी प्रकार की एलर्जी वाले छात्र को टूर पर नहीं ले जाया जाएगा।
टूर में 15 शिक्षक एक छात्र के साथ रहेंगे। छात्राएं टूर में शामिल हों तो साथ में महिला कर्मचारी को साथ रखना होगा। टूर पर जाने वाले छात्रों के साथ मीटिंग करके क्या करना और क्या नहीं करने को लेकर जानकारी देनी होगी और छात्रों की सलामती का प्लान तैयार करना होगा।
Updated on:
26 Oct 2024 10:45 am
Published on:
26 Oct 2024 09:12 am
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