
नागौर. प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले पहली से 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों की ऑनलाइन स्वास्थ्य कुंडली बनाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर आगामी 31 अगस्त तक प्रदेश की सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रिपोर्ट ऑनलाइन करने के लिए कहा है।
शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के करीब 72 हजार विद्यालयों में पढऩे वाले करीब 81 लाख विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए डिजिटल प्रवेशोत्सव ऐप में ‘शाला स्वास्थ्य परीक्षण’ का विकल्प दिया गया है, जिसके माध्यम से सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा। इसमें 70 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें विद्यार्थी के स्वास्थ्य से जुड़ीसम्पूर्ण जानकारी भरी जाएगी।
उद्देश्य : विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से सत्र 2024-25 के लिए विभाग की ओर से समस्त राजकीय विद्यालयों में ‘शाला स्वास्थ्य परीक्षण’ कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाएगा। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है, जिसमें उनके शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का भी विशेष योगदान होता है। विद्यार्थी अपने अध्ययन में तभी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं, जब वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हों। इसी महत्वपूर्ण उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह सर्वेक्षण करवाया जा रहा है। इसके तहत विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की सटीक जानकारी प्राप्त कर उन्हें समय पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। इस पहल से विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम बनाया जा सकेगा।
हो सकेगी नियमित जांच
ऐप के माध्यम से विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इस पहल से न केवल विद्यार्थियों के स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि वे शैक्षणिक गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकेंगे।
बालिकाओं के लिए शिक्षिका की नियुक्ति
कक्षा 6 से 12 तक की बालिकाओं के सर्वे के लिए केवल महिला अध्यापिकाओं को ही नामित किया जाएगा। अथवा पुरुष शिक्षक को नामित करने पर महिला शिक्षिका की ओर से सवेक्षण के प्रश्नों को बालिकाओं से पूछ कर सूची संबंधित सर्वेकर्ता शिक्षक को उपलब्ध करवाई जाएगी। इसका भी लिखित आदेश संस्था-प्रधान की ओर से जारी कर संबंधित सीबीईओ कार्यालय को भिजवाया जाएगा।
हर विद्यार्थी की उपस्थिति जरूरी
माध्यमिक शिक्षा बीकानेर के निदेशक आशीष मोदी ने निर्देश देते हुए कहा कि सर्वे अवधि में सभी विद्यार्थी विद्यालय में उपस्थित हो, यह सुनिशिचित करने के लिए विद्यार्थियों को पाबंद करें। यदि कोई विद्यार्थी किसी भी कारण सर्वे अवधि में विद्यालय नहीं आता है तो संबंधित सर्वेकर्ता अध्यापक उस विद्यार्थी के घर जाकर सर्वे संपन्न करेगा। यदि सर्वे से वंचित विद्यार्थी बालिका होगी तो संस्था-प्रधान की ओर से नामित शिक्षक एवं नामित महिला अध्यापिका उक्त के घर जाकर सर्वे सम्पन्न करेंगे।
जूं-लीख के साथ आंखों व नाखूनों में पीलापन भी देखेंगे
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के दौरान ?शिक्षक बच्चों के सिर में जूं या लीख के साथ चेहरे पर फोड़े-फूंसी, आंख व नाखूनों में पीलापन, रतौंधी, एनिमिया, मोतियाबिंद, भेंगापन, दूर दृष्टि दोष, कान में मवाद आना, बहरापन आदि की जांच करके ऑनलाइन जानकारी भरेंगे। इसके साथ मसूड़ों में खून तो नहीं आ रहा, दांतों में फ्लोरो?सिस तो नहीं है, होठ-तालु कटे हुए तो नहीं हैं, बच्चा हकला या तुतला तो नहीं रहा जैसे कई सवाल शामिल किए गए हैं। इसके साथ बच्चे यह भी पूछा जाएगा कि वह दूध पीता है या नहीं, भविष्य में क्या बनना चाहता है, रोज ब्रश व स्नान करता है क्या, उसके सीखने की क्षमता कैसी है, बच्चे के पेड़ में कीड़े तो नहीं हैं, उसकी सांस तो नहीं फूल रही आदि।
Published on:
19 Aug 2024 10:56 am
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