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How To Become ISRO Scientist: ISRO में साइंटिस्ट कैसे बनते हैं? जानिए पात्रता से लेकर प्रक्रिया तक…

How To Become ISRO Scientist: स्पेस साइंटिस्ट बनना इतना आसान नहीं है। इसके लिए शुरुआत से ही कड़ी मेहनत करनी होती है। आज जानेंगे हैं कि इसरो में साइंटिस्ट बनने के लिए क्या करना होता है-

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How To Become ISRO Scientist: सुनीता विलियम्स के स्पेस से लौटने के बाद एक बार फिर स्पेस साइंटिस्ट की चर्चा हो रही है। स्पेस साइंटिस्ट बनना इतना आसान नहीं है। इसके लिए शुरुआत से ही कड़ी मेहनत करनी होती है और पढ़ाई में खासकर फिजिक्स और मैथ्स में अच्छा स्कोर करना होता है। आइए, आज जानते हैं कि इसरो में साइंटिस्ट बनने के लिए क्या करना होता है-

बोर्ड से ही करनी होगी तैयारी 

इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपका शुरुआत से ही पढ़ने में अच्छा होना जरूरी है। ऐसा समझ लीजिए कि ISRO के साथ काम करना है तो आपका शैक्षणिक रिकॉर्ड (Education Qualification) अच्छा होना चाहिए। 10वीं के बाद 12वीं में साइंस स्ट्रीम होना जरूरी है। इस फील्ड में जाने के लिए पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) से करें।

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12वीं के बाद क्या करें (Career Options After 12th)

12वीं के बाद जेईई मेन्स और एडवांस परीक्षा में अच्छा स्कोर करके आप आईआईटी में दाखिला ले सकते हैं। आईआईटी से कंप्यूटर साइंस या स्पेस साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल कर लें। इसके साथ ही आप फिजिक्स विषय में ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी तक की डिग्री हासिल करने के बाद स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए पात्र होंगे।

इसरो में अप्लाई करने के लिए पूरी करें ये शर्त 

इसरो में आवेदन करने के लिए कुछ पात्रता को पूरा करना जरूरी है। अभ्यर्थियों को कम से कम 65% अंक या 6.84 सीजीपीए के साथ बीई/बीटेक पास होना चाहिए। 12वीं क्लास के बाद इसरो में शामिल होने के लिए उम्मीदवार का जेईई एडवांस्ड, किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना या आईआईएसईआर की ओर से आयोजित होने वाले सेंट्रल बोर्ड बेस्ड एप्टीट्यूड टेस्ट में पास होना जरूरी है।

हर साल होती है परीक्षा 


इसरो द्वारा हर साल ICRB (ISRO Centralised Recruitment Board) परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा में कैंडिडेट्स के गणित, विज्ञान और इंजीनियरिंग के ज्ञान का परीक्षण किया जाता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद ही कैंडिडेट्स इसरो में काम कर पाते हैं। 

इसरो में कितनी मिलती है सैलरी? (ISRO Scientist Salary) 

इसरो में अलग-अलग पद पर काम करने वाले कैंडिडेट्स की सैलरी अलग-अलग है। योग्यता और अनुभव के अनुसार, सैलरी कम और ज्यादा हो सकती है। आमतौर पर इसरो में काम करने वाले साइंटिस्ट की शुरुआती सैलरी 1 लाख के करीब होती है। 

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इंजीनियर और टेक्नीशियन भी करते हैं काम

इसरो की स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी। ISRO का मुख्यालय बैंगलुरू में स्थित है। इसरो अंतरिक्ष के अलावा आपदा प्रबंधन, मौसम पूर्वानुमान, कृषि और संचार में सहायता करता है। इसरो के विभिन्न वर्क फोर्स में वैज्ञानिक, इंजीनियर, टेक्नीशियन, एस्ट्रोनाॅमर और एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोफेशनल्स शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक ऑर्गनाइजेशन स्पेस वेंचर्स (अभियान) में योगदान देते हैं। स्पेस वेंचर्स में अंतरिक्ष यान के डिजाइन से लेकर डेटा एनालिसिस तक के काम शामिल होते हैं।