
IFS Bhavika Mangalanandan: अक्सर आप सुनते होंगे कि कई लोग अपनी नौकरी छोड़कर यूपीएससी सीएसई की तैयारी करने में जुट जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है आईएफएस भाविका मंगलनंदन की। उन्होंने आईआईटी से पढ़ाई की। फिर प्राइवेट कंपनी की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। भाविका के जीवन में आखिर ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने एक सेट जिंदगी छोड़कर संघर्ष का रास्ता चुना।
आईएफएस भाविका मंगलनंदन (IFS Bhavika Mangalanandan) केरल के एलमकुलम की रहने वाली हैं। उन्होंने वर्ष 2015 में 249वीं रैंक के साथ अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई (UPSC CSE) परीक्षा पास की थी। सिविल सेवा की दुनिया से पहले वे आईआईटी दिल्ली में थीं। आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) से उन्होंने एनर्जी स्टडी में एमटेक किया है। सोशल मीडिया हैंडल से मिली जानकारी के अनुसार, भाविका ने आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद कुछ दिनों तक TCS में भी काम किया था। वे टीसीएस में असिस्टेंट सिस्टम मैनेजर के पद पर थीं।
भाविका की मां एक सरकारी कर्मचारी हैं। लेकिन वह समाज सेवा और महिला सशक्तिकरण में सक्रिय हैं। मां को देखकर भाविका को समाज सेवा करने की प्रेरणा मिली। यही कारण है कि उन्होंने सिविल सेवा में आने का मन बनाया। भाविका संयुक्त राष्ट्र में भारत की सचिव के रूप में काम करती हैं।
हाल ही में भाविका संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए अपने संबोधन को लेकर चर्चा में आईं। उन्होंने अपने संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा लगाए गए आरोपों का न सिर्फ जोरदार खंडन किया, बल्कि उन्होंने बड़ी बेबाकी से इतने बड़े मंच पर कह दिया कि पाकिस्तान ने ‘जम्मू-कश्मीर में चुनाव को बाधित करने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल’ किया था।
Published on:
29 Sept 2024 05:22 pm
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