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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में पेश अंतरिम बजट में देश में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए राष्ट्रीय परियोजना तैयार करने की घोषणा की है। इसके लिए देश के सभी 16 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) के साभ अन्य वैज्ञानिक संस्थान कार्य करेंगे।
वर्तमान में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को लेकर आइआइटी जोधपुर में शुरुआत की गई है। आने वाले समय में आइआइटी जोधपुर ही एआइ के मामले में देश को नेतृत्व प्रदान करेगा। केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, परिवहन, साफ-सफाई, सीवरेज जैसे प्रमुख 9 सेक्टर में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस शुरू करने का मानस बनाया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इसके लिए एक राष्ट्रीय नेटवर्क बनाने की बात कही। आइआइटी जोधपुर पहले से ही इस मामले में देश में सबसे आगे चल रहा है। यहां इसी महीने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को लेकर विशेष लैब स्थापित की जा रही है, जिसमें सुपर कंप्यूटर की स्थापना होगी। संभवत: यह प्रदेश का भी पहला सुपर कंप्यूटर होगा जो एआइ क्षेत्र में कार्य करेगा। आइआइटी जोधपुर ने इसके लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी निविडिया से एमओयू भी किया है।
क्या है एआइ
आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस या कृत्रिम बुद्धिमता कम्प्यूटर इंटेलीजेंस या मशीन इंटेलीजेंस है यानी जब कोई मशीन इंसान द्वारा किए गए कार्यों को हुबहू संपन्न करती है तो उसे एआइ कहते हैं।
स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में दिखेगा असर
भारत में एआइ शिशु अवस्था में है। केंद्र सरकार आम आदमी को त्वरित और सस्ती सुविधा मुहैया करवाने के लिए एआइ की तरफ बढ़ रही है। भारत में एआइ का मकसद इंसान को प्रतिस्थापित करना नहीं रहेगा, बल्कि इंसानी कार्यों को आसान, त्वरित और समय पर करना रहेगा। इसका सबसे अधिक प्रभाव स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में देखने को मिलेगा।
Published on:
02 Feb 2019 01:17 pm
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