
Indian Army Day 2021: हर साल 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना आज अपना 73वां स्थापना दिवस मना रही है। 15 जनवरी के ही दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन मनाया जाता है। करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी। आर्मी डे पर पूरा देश थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है।
करियप्पा ने साल 1947 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। करियप्पा 14 जनवरी 1986 को फील्ड मार्शल का खिताब हासिल करने वाले दूसरे व्यक्ति थे, उनसे पहले साल 1973 में भारत के पहले फील्ड मार्शन बनने का सम्मान सैम मानेकशॉ को मिला है।
करियप्पा साल 1947 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना की कमान संभाल रहे थे। भारत ने इस युद्ध में पाकिस्तान ( Pakistan ) को करारी शिकस्त दी थी। सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता, साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद कर उन्हें सलाम करता है।
यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। आर्मी के जवानों के दस्ते और अलग-अलग रेजिमेंट की परेड होती है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।
भारतीय सेना में फील्ड मार्शल का पद सर्वोच्च होता है। ये पद सम्मान स्वरूप दिया जाता है। भारतीय इतिहास में अभी तक यह रैंक सिर्फ दो अधिकारियों को दिया गया है। देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ हैं। उन्हें जनवरी 1973 में राष्ट्रपति ने फील्ड मार्शल पद से सम्मानित किया था। एम करिअप्पा देश के दूसरे फील्ड मार्शल थे। उन्हें 1986 में फील्ड मार्शल बनाया गया था।
Published on:
15 Jan 2021 10:08 am
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