ISRO Me Scientist Kaise Bane: अंतरिक्ष के रहस्य उजागर करने की जब बात होती है तो NASA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ हमारी ISRO का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों का लोहा दुनिया मानती है। क्या आपकी भी अंतरिक्ष के रहस्य उजागर करने में दिलचस्पी है, ऐसा कर सकते हैं ISRO में साइंटिस्ट बनकर जानें क्या है इसका रास्ता
Minimum Qualification For Scientist: ISRO, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) का संक्षिप्त नाम है। यह संगठन अंतरिक्ष शोध और सस्ते उपग्रह भेजने के लिए जाना जाता है। इस संस्थान ने देश को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद, होमी जहांगीर भाभा जैसे बड़े वैज्ञानिक दिए हैं। यदि आप जानना चाहते हैं कि ISRO में साइंटिस्ट कैसे बनें तो यह लेक आपके काम का है.. पढ़ें पूरा आलेख
स्पेस साइंटिस्ट यानी अंतरिक्ष वैज्ञानिक दो तरह के होते हैं, पहला भौतिक विज्ञानी जो प्रयोगशाला में विभिन्न थ्योरी, तकनीकों और उपकरणों के विकास पर काम करते हैं और दूसरा एस्ट्रोनॉमर जो आकाशगंगा, सितारों आदि से संबंधित रिसर्च करते हैं।
ISRO देश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है तो यहां काम करने वाले लोगों की पेशेवर स्किल भी श्रेष्ठ होती है। इसलिए ISRO साइंटिस्ट बनने का ख्वाब देखने वालों को समय रहते कुछ खास बातें विकसित कर लेनी चाहिए।
लगन: किसी भी काम को करने के लिए व्यक्ति में लगन का होना जरूरी है और जब बात साइंटिस्ट्स की हो तो यह गुण सबसे जरूरी है। जुनून के बल पर ही आप अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे।
विज्ञान में रूचि: वैज्ञानिक बनने के लिए बचपन से ही विज्ञान में रूचि और अनदेखे को जानने की इच्छा होनी चाहिए। इसके लिए किताबी ज्ञान काफी नहीं, इसके लिए चीजों का व्यवहारिक ज्ञान और तार्किकता जरूरी है, साथ ही किसी मशीन, वस्तु आदि के काम करने के पीछे का कारण भी जानने की इच्छा होनी चाहिए।
ISRO कई क्षेत्रों में साइंटिस्ट बनने और साइंस के क्षेत्र में करियर बनाने के मौके देता है। लेकिन इसके लिए साइंस स्ट्रीम में मेधावी और अच्छे शैक्षणिक रिकॉर्ड वाला होना आवश्यक है। इसके लिए 12वीं में पीसीएम (Physics, Chemestry, Maths) की पढ़ाई करना चाहिए।
इसके बाद इंजीनियरिंग या भौतिकी विज्ञान और अन्य वैज्ञानिक स्ट्रीम में पीएचडी करने का प्रयास करना चाहिए। समय-समय पर इसरो केंद्रीकृत भर्ती बोर्ड (ICRB) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, एस्ट्रोनॉमी फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित आदि के क्षेत्रों में भर्ती निकाली जाती है। इसके लिए अलग-अलग इंजीनियरिंग डिग्री, मास्टर्स और पीएचडी पास होना चाहिए।
इसके लिए प्रायः ICRB ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से शैक्षणिक प्रदर्शन और अन्य मापदंडों के आधार पर प्रारंभिक स्क्रीनिंग और लिखित परीक्षा/साक्षात्कार के माध्यम से भर्ती की जाती है।
साइंटिस्ट बनने के लिए उम्मीदवारों को कंप्यूटर साइंस , इलेक्ट्रॉनिक्स या मैकेनिकल या किसी अन्य संबंधित क्षेत्र में बीटेक या बीई डिग्री हासिल करना जरूरी है। इसके साथ ही इन डिग्री में न्यूनतम कुल 65% अंक या 10 के पैमाने पर 6.8 सीजीपीए होना जरूरी है। शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता है।
इसके अलावा एक अन्य रास्ता एमएससी, एमई या एमटेक या पीएचडी आदि करना है। इनमें ऐसे लोग जो जियोफिजिक्स, जियोनफॉर्मेटिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, अप्लाइड मैथमेटिक्स आदि में मास्टर्स होते हैं उनके लिए इसरो में शामिल होने के अच्छे मौके होते हैं। साथ ही जूनियर रिसर्च फेलो के रूप में भी जुड़ा जा सकता है। इसके लिए GATE पास होना जरूरी होता है।
इसरो केंद्रीकृत भर्ती बोर्ड (ICRB) की भर्ती के माध्यम से तकनीकी सहायक/वैज्ञानिक सहायक, तकनीशियन/ड्राफ्ट्समैन, वैज्ञानिक पद पर जरूरत के हिसाब से मौका देता है।
साइंटिफिक और टेक्निकल कैटेगरी (इंजीनियर या वैज्ञानिक पद पर) में इसरो से जुड़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, भौतिकी, कमेस्ट्री, मैथमेटिक्स आदि में स्नातक, परास्नातक, पीएचडी आदि कोर्स करना होगा।
जबकि टेक्निकल असिस्टेंट या साइंटिफिक असिस्टेंट पद के लिए Diploma/B.Sc या इसके लिए अलग-अलग स्ट्रीम में होना चाहिए।
इसके लिए टेक्निशियन ड्राफ्ट्समैन पद के लिए SSLC/SSC/MATRIC + ITI/NTC/NAC की जरूरत होती है। वहीं प्रशासनिक पदों जैसे प्रशासनिक अधिकारी, लेखा अधिकारी आदि के रूप में भी एंट्री कर सकते हैं।
इसरो जॉइन करने के लिए कोई स्पेशिफिक कोर्स नहीं है।