फीस मुफ्त पर महंगी किताबों और यूनिफार्म का बोझ
आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों को शासन की ओर से फीस के अलावा किताबें और यूनिफार्म के लिए भी अलग से राशि देने का प्रावधान है। मगर अधिकतर निजी स्कूलों में किताबें और यूनिफार्म नहीं दी जाती। मुफ्त एडमिशन तो हो जाता है पर बड़े स्कूलों में चलने वाली महंगी किताबें, यूनिफार्म का खर्च भी हजारों में होता है। जो गरीब अभिभावक वहन नहीं कर पाते। ड्राप आउट के पीछे यह भी बड़ी वजह है। निजी स्कूल सालभर में कई तरह के आयोजन भी कराते हैंं। इसमें शामिल होने के लिए बच्चों से ही कई तरह से फीस वसूलते हैं। बच्चे शामिल नहीं होते पर प्रबंधन अभिभावकों पर दबाव बनाते हैं।
जिले में मेंटॉर की होगी नियुक्ति : डीईओ
डीईओ अश्वनी भारद्वाज के मुताबिक ड्राप आउट रोकने जिले में जल्द ही मेंटॉर की नियुक्ति होगी। जिला कलेक्टर के द्वारा हाल ही इसकी समीक्षा भी की है और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं जिसकी सख्ती से पालन कराएंगे। आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों के साथ गलत व्यवहार या किसी भी तरह की शिकायत मिलेगी तो सख्त कार्रवाई होगी। ड्राप आउट रोकने पूरा प्रयास होगा।