
How to Become a Kathavachak (Image: Gemini)
Katha Vachak Course: कथावाचन में प्रोफेशनल करियर बनाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। धार्मिक कार्यक्रमों और सोशल मीडिया पर कथावाचकों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। रामकथा, भागवत कथा और पुराणों का प्रवचन सुनने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
इसी वजह से प्रशिक्षित कथावाचकों की मांग भी बढ़ी है। इस जरूरत को देखते हुए, अब देश में पहली बार कथावाचन से जुड़े प्रोफेशनल कोर्स और सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह व्यवस्था युवाओं को इस क्षेत्र में एक प्रोफेशनल करियर बनाने का मौका देगी।
यूनिवर्सिटी ने अपनी नई पहल के तहत दो विशेष सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए हैं, जो करियर के लिहाज से काफी अहम हैं। इसमें पहला मंदिर प्रबंधन कोर्स है। इस कोर्स के जरिए छात्रों को मंदिरों की पूरी व्यवस्था संभालने, वहां होने वाले बड़े धार्मिक आयोजनों का मैनेजमेंट देखने और अनुशासन बनाए रखने के गुर सिखाए जाएंगे।
वहीं, दूसरा महत्वपूर्ण कोर्स पुराण प्रवचन प्रवीण है। यह उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जो अपनी वाणी में प्रभाव लाना चाहते हैं। इसमें कथावाचन की बारीकियों, पुराणों के गहरे अध्ययन और भाषा शैली को निखारने पर विशेष जोर दिया जाएगा। खास बात यह है कि ये कोर्सेज उन लोगों के लिए भी वरदान साबित होंगे जो पहले से कथावाचन के क्षेत्र में सक्रिय हैं, लेकिन उनके पास कोई डिग्री नहीं है। वे अब इसके जरिए अपने हुनर को एक आधिकारिक पहचान दे सकेंगे।
कथावाचन अब केवल एक पुरानी धार्मिक परंपरा तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह तेजी से एक प्रोफेशनल करियर के रूप में उभर रहा है। आज के डिजिटल दौर में न सिर्फ मंदिरों और सांस्कृतिक संगठनों में, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और बड़े धार्मिक आयोजनों में भी प्रशिक्षित कथावाचकों की भारी मांग है। इन प्रोफेशनल कोर्सेज की सबसे खास बात यह है कि पूरा करने पर युवाओं को वैलिड सर्टिफिकेट मिलता है, जो उनके करियर को एक मजबूत आधार और विश्वसनीयता देता है। संस्कृत और धार्मिक साहित्य पढ़ने वाले छात्रों के लिए तो यह नए अवसरों का द्वार खोलने जैसा है।
अगर आपके मन में सवाल है कि इन कोर्सेज के लिए खर्चा कितना होगा, तो बता दें कि फीस अलग-अलग संस्थानों के नियमों के हिसाब से तय होती है। उदाहरण के तौर पर, इस्कॉन जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में श्रीमद्भागवत कथा कोर्स की शुरुआती फीस करीब 2499 रुपये रखी गई है। वहीं, विभिन्न संस्कृत यूनिवर्सिटीज में फीस कोर्स के प्रकार और उसकी अवधि पर निर्भर करती है, जो इससे थोड़ी कम या ज्यादा भी हो सकती है।
दाखिला लेने की प्रक्रिया को बेहद आसान और डिजिटल रखा गया है। इसके लिए स्टूडेंट्स को सबसे पहले संबंधित यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। वहां डिस्टेंस एजुकेशन या ऑनलाइन कोर्स वाले सेक्शन में जाकर उपलब्ध कोर्सेज की लिस्ट चेक करनी होगी। अपनी रुचि के अनुसार कोर्स चुनने के बाद, आपको ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना होगा और जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे। फीस जमा करते ही आपकी आवेदन प्रक्रिया पूरी मान ली जाएगी और एडमिशन का कन्फर्मेशन आपको ईमेल या फोन के जरिए मिल जाएगा।
अपनी वाणी से कमाएं नाम कुल मिलाकर, कथावाचन का क्षेत्र अब युवाओं के लिए एक नए और सम्मानजनक करियर प्रोफेशन के रूप में स्थापित हो चुका है। जो छात्र अपने ज्ञान को एक बड़ा मंच देना चाहते हैं और अध्यात्म को अपनी सरल वाणी में जन-जन तक पहुंचाने का हुनर रखते हैं, उनके लिए यह वक्त और मौका दोनों ही बेहतरीन हैं।
Published on:
12 Dec 2025 12:41 am
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