
NEET Exam Cancellation: नीट यूजी ने 4 जून को परीक्षा का परिणाम जारी किया। 22 लाख छात्रों में से करीब 13 लाख छात्रों ने नीट परीक्षा पास कर ली है। 67 छात्रों ने एआईआर -1 हासिल की है। वहीं नीट रिजल्ट की घोषणा के बाद से ग्रेस मार्क्स को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई लोगों का कहना है कि नीट ने ग्रेस मार्क्स देने में लापरवाही दिखाई है। वहीं कुछ लोगों ने नीट रिजल्ट (NEET Result 2024) पर सवाल उठाए हैं। आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ग्रेस मार्क्स के कारण इस वर्ष करीब एक हजार छात्रों की रैंक पीछे हो गई है। अभी तक दो से तीन ग्रेस अंक के मामले भी सामने आए हैं। हालांकि, इस बारे में एनटीए ने नोटिस (NTA Notice) जारी किया है। लेकिन ये स्पष्ट नहीं किया है कि कितने छात्रों को ग्रेस अंक दिए गए हैं। मालूम हो कि ग्रेस मार्क्स से छात्रों के कॉलेज चुनने का फैसला प्रभावित होता है।
नीट परीक्षा का परिणाम 14 जून को प्रस्तावित था। लेकिन 4 जून, लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के दिन, को जारी किया गया। वहीं 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक आए हैं। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। वहीं फाइनल आंसर-की (Final Answer Key) जारी होने के कुछ ही देर बाद नीट रिजल्ट भी जारी कर दिया गया। आमतौर पर ऐसा नहीं होता है।
नीट परीक्षा का परिणाम इस बार काफी चौंकाने वाला है। 67 छात्रों ने 720 में 720 अंक हासिल किए हैं। वहीं इस बार कटऑफ (NEET Cut-off 2024) भी 137 से बढ़कर 164 अंकों पर पहुंच गई है। एनटीए ने कई छात्रों को 718 तो कई छात्रों को 719 अंक दिए हैं, जबकि ऐसा होना असंभव है। ऐसा इसलिए क्योंकि नीट का पेपर 720 अंकों का होता है, हर सही सवाल पर 4 अंक मिलते हैं और हर गलत जवाब पर एक नेगेटिव मार्किंग होती है। ऐसे में यदि कोई छात्र सभी सवाल सही करता है तो उसके 720 अंक आएंगे, एक सवाल छोड़ देता है तो 716 अंक आएंगे। वहीं जिस छात्र ने एक गलत जवाब बनाए, उनका स्कोर 715 रह जाएगा। ऐसे में 718 या 719 अंक हासिल कर पाना मुश्किल है। एनटीए के मुताबिक, अगर ग्रेस मार्क्स दिया भी जा रहा है फिर भी 716 अंक आने चाहिए। ऐसे में जिन छात्रों को 718 या 719 अंक आए हैं, उसके पीछे आखिर क्या कारण है?
Updated on:
06 Jun 2024 04:38 pm
Published on:
06 Jun 2024 04:30 pm
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