
नीट टॉपर अविका अग्रवाल सक्सेस स्टोरी (क्रेडिट- पत्रिका)
NEET Topper Success Story: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट यूजी 2025 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। परीक्षा में शामिल हुए कैंडिडेट्स आधिकारिक वेबसाइट पर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। सभी उम्मीदवारों को उनका स्कोरकार्ड ईमेल भी किया जाएगा। दिल्ली की अविका अग्रवाल ने AIR रैंक 5वीं के साथ NEET UG में फीमेल कैटेगरी में टॉप किया है।
अविका मूल रूप से फरीदाबाद की रहने वाली हैं। उन्होंने हाल ही में हुए नीट यूजी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 5वीं हासिल किया है। साथ ही वे महिला टॉपर बनी हैं। अविका एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) से MBBS की पढ़ाई करना चाहती हैं।
AIR 5वीं रैंक आने पर अविका जितनी खुश हैं उतनी ही आश्चर्यचकित भी। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा, “यह मेरी उम्मीद से परे है। मुझे अच्छी रैंक की उम्मीद थी, लेकिन यह मेरी उम्मीद से परे है। एम्स दिल्ली में पढ़ाई के बारे में सोचना एक बात है, लेकिन वास्तव में वहां पढ़ने का मौका मिलना एक सपने के सच होने जैसा है।
अविका के माता पिता भी इसी पेशे में हैं। ऐसे में उनके लिए मेडिकल का फील्ड कोई नया नहीं था। बड़े होते हुए उन्होंने मन में डॉक्टर बनने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया। उन्होंने कक्षा 10वीं से ही नीट परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और एक प्राइवेट कोचिंग के स्पेशल क्लासेज में जुड़ गईं। जब अविका कक्षा 11वीं में थी तो उन्होंने नीट यूजी को अपना एकमात्र फोकस बना लिया।
अविका नीट परीक्षा की तैयारी के लिए एक फिक्स रूटीन फॉलो किया करती थीं। वे सुबह 10 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक कोचिंग जाती थीं। फिर घर आकर लंच ब्रेक लेती थीं और फिर 1.5 घंटे लगातार पढ़ाई करती थीं। डेढ़ घंटे की पढ़ाई के बाद फिर 30 मिनट का ब्रेक लेती थी। अविका का कहना है कि इससे उन्हें अपने दिमाग को तरोताजा रखने में मदद मिलती थी।
अविका का कहना है कि पढ़ाई के लिए कोई सीमा तय करने की जरूरत नहीं है। मैंने सेल्फ स्टडी करते हुए पढ़ाई के लिए घंटे नहीं फिक्स किया। अगर मैं थक जाती थी या मुझे कोई खास विषय दिलचस्प नहीं लगता था तो मैं रात 11 बजे तक पढ़ाई करती थी। अगर मुझे कोई विषय बहुत दिलचस्प लगता था तो मैं देर तक भी पढ़ लेती थी।
अविका ने बताया कि जब उन्हें रिजल्ट का पता चला तो सबसे पहले उन्होंने अपने शिक्षक को फोन किया। अविका कहती हैं, “मैंने उन्हें पहली बार फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, लेकिन उन्होंने दूसरी बार फोन उठाया और मैंने कहा ‘सर, मेरी AIR 5 आ गई।’ इसके बाद मैंने फोन के दूसरी तरफ से जोरदार जयकारे सुने और पूरी कक्षा ने जयकारे लगाने शुरू कर दिए।”
उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि में माता पिता का काफी सहयोग था। उनके माता-पिता भी इसी तरह के प्रेशर और जर्नी से गुजर चुके हैं इसलिए वे अविका के मूड को काफी अच्छे से समझते थे। साथ ही उन्हें तैयारी में मदद करते थे। अविका ने कहा कि सकारात्मक लोगों लोगों से घिरे रहें। नीट उम्मीदवार को ये समझना होगा कि यह सबकी यात्रा है, न कि सिर्फ एक व्यक्ति का संघर्ष। अविका ने कहा कि मेरे माता पिता और शिक्षकों ने यहां तक पहुंचने में बहुत मदद की है।
Updated on:
15 Jun 2025 01:24 pm
Published on:
15 Jun 2025 01:23 pm
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