
NEET UG 2025 Tie Breaking System Changes: नीट यूजी परीक्षा के जरिए हर साल लाखों की संख्या में छात्र मेडिकल कोर्सेज में दाखिला लेते हैं। पिछले वर्ष करीब 22 लाख छात्रों ने नीट यूजी परीक्षा के लिए आवेदन किया था। नीट यूजी 2025 परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 फरवरी से शुरू हो चुकी है। इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट परीक्षा के एग्जाम पैटर्न, टाइमिंग और टाई ब्रेकिंग रूल में बदलाव किया है।
यदि दो या दो से अधिक उम्मीदवार समान कुल अंक प्राप्त करते हैं, तो उनकी रैंक निर्धारित करने के लिए टाई-ब्रेक नीति लागू की जाती है। जेईई और नीट जैसी बड़ी परीक्षा में इस नियम का इस्तेमाल करके समान अंक लाने वाले स्टूडेंट्स की रैंक निर्धारित की जाती है।
इस बार एनटीए ने टाई ब्रेकिंग रूल में बदलाव कर दिया है। पूर्व में टाई ब्रेकिंग रूल में सिर्फ 7 नियम थे। लेकिन इस बार इसमें 8वां नियम जोड़ा गया है। एनटीए ने कहा कि यदि 7 सातों क्राइटेरिया से टाई समस्या हल नहीं होती है तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में रैंडम प्रक्रिया से इसका हल निकालेगा।
1. ऐसे छात्र जिनके बायोलॉजी (बॉटनी एंड जूलॉजी) में ज्यादा मार्क्स आएंगे , उसे रैंक में ऊपर रखा जाएगा।
2. अगर बॉयोलॉजी वाले फैक्टर से रैंक तय नहीं होती तो फिर केमिस्ट्री के मार्क्स देखे जाएंगे। केमिस्ट्री में जिसके ज्यादा मार्क्स आएंगे, उसे रैंक में ऊपर रखा जाएगा
3. इसके बाद फिजिक्स के मार्क्स देखे जाएंगे। जिसके फिजिक्स में ज्यादा मार्क्स आएंगे, उसे रैंक में ऊपर रखा जाएगा
4. ऐसे कैंडिडेट्स जिन्होंने सही उत्तरों की तुलना में कम गलत उत्तर दिए होंगे, उसे ऊपर रखा जाएगा
5. इसके बाद जिस उम्मीदवार का बायोलॉजी (बॉटनी व जूलॉजी ) में अटेम्प्टेड गलत उत्तर और सही उत्तरों का अनुपात कम होगा, उसे ऊपर रखा जाएगा
6. इसके बाद जिस उम्मीदवार का केमिस्ट्री में अटेम्प्टेड गलत उत्तर और सही उत्तरों का अनुपात कम होगा, उसे ऊपर रखा जाएगा
7. जिस उम्मीदवार का फिजिक्स में अटेम्प्टेड गलत का प्रतिशत कम होगा
8. अगर ये सात मानदंड लागू करने के बाद भी टाई की समस्या बनी रहती है तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में रैंडम प्रक्रिया से इसका हल निकाला जाएगा
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नीट यूजी 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आवेदन करने की अंतिम तारीख 7 मार्च 2025 है। नीट यूजी के जरिए देश भर में एमबीबीएस, बीएएमस, बीयूएमस, बीएसएमएस और बीएचएमस, बैचलर ऑफ डेंटल स्टडीज (बीडीएस) और बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबैंड्री (बीवीएससी एंड एएच) कोर्सेज में प्रवेश मिलेगा।
Published on:
13 Feb 2025 04:01 pm
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