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नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को मल्टीपल एग्जिट के विकल्प के साथ तीन या चार साल के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने का अवसर मिलेगा। मौजूदा व्यवस्था में किसी कारण से पढ़ाई बीच में छूटने पर कोई उपाय नहीं रहता, लेकिन मल्टीपल एंट्री एवं एग्जिट बिंदुओं के साथ नई शिक्षा नीति में व्यापक, बहुविषयक, समग्र अवर स्नातक शिक्षा की परिकल्पना की गई है।
3 या 4 साल के यूजी कोर्स के लिए
4 वर्षीय एकीकृत बीएड डिग्री, तो ही शिक्षक
NCERT के साथ मिलकर NCTE नया नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर टीचर एजुकेशन (NCFTE) 2021 तैयार करेगा। 2030 तक शिक्षक बनने के लिए न्यूयनतम अर्हता 4 वर्षीय एकीकृत बीएड डिग्री दी जाएगी। घटिया-पृथक टीचर एजुकेशन संस्थानों पर सख्त कार्रवाई करेगी।
समूची उच्च शिक्षा के लिए देश में एक नियामक
अमरीका की एनएसएफ (नेशनल साइंस फाउंडेशन) की तर्ज पर सरकार एनआरएफ (नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) ला रही है। इसमें न केवल साइंस, बल्कि सोशल साइंस भी शामिल होगा। ये बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करेगा।
विश्व की टॉप 100 विदेशी यूनिवर्सिटीज के देश में कैंपस खुलेंगे
विश्व के शीर्ष 100 विदेशी कॉलेजों को भारत में कैंपस खोलने की छूट दी जाएगी। इन संस्थानों के लिए नियमन और प्रशासन के लिए भारतीय संस्थानों की तरह नियम होंगे। विदेशी छात्रों के प्रोत्साहन के लिए हर संस्थान में इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफिस होंगे।
डिजिटल को बढ़ावा
डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ) बनेगा। इससे शिक्षण-प्रशिक्षण के साथ अध्ययन व आकलन में तकनीक अहम हिस्सा बनेगी। क्षेत्रीय भाषाओं में ई-सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। वर्चुअल लैब भी स्थापित होगी।
Updated on:
30 Jul 2020 07:52 am
Published on:
30 Jul 2020 07:45 am
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